ऑपरेशन के टारगेट पूरे करने के लिए यूपी में मरीजों की आँखों के साथ बड़ा रिस्क लेते हुए, यहाँ के डॉक्टरों ने टॉर्च की रोशनी में ही मोतियाबिंद के 32 रोगियों का ऑपरेशन कर दिया. यह घटना उत्तर प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्थाओं की पोल खोलने के लिए काफी है. दरअसल यूपी के उन्नाव जिले में लाइट नहीं थी और अस्पताल में जनरेटर की भी व्यवस्था नहीं थी, ऐसे में यहाँ के डॉक्टरों ने मोतियाबिंद के 32 रोगियों का टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन कर दिया. मामला सामने आने पर राज्य के हेल्थ मिनिस्टर सिद्धार्थनाथ सिंह ने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सस्पेंड कर दिया. सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि “मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने तुरंत कार्रवाई की और मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद को निलंबित कर दिया.” सीएमओ प्रसाद ने पहले बताया था कि “घटना की जांच की जा रही है. एक संस्था की कमी सामने आयी है. उसे ब्लैकलिस्ट किया जायेगा. प्रभारी जिलाधिकारी ने भी इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.” गौरतलब है कि पहले भी मोतियाबिंद के मरीजों को गलत दावा डालने के कारण आँखों की रोशनी गँवाने का मामला प्रकाश में आया था और अब यूपी में यह घटना दर्शाती है कि महज ऑपरेशन की संख्या बढ़ाने की आपाधापी में मरीजों के जीवन और शरीर के साथ यह खिलवाड़ किया जाता है. जीएसटी संग्रह में दूसरे माह भी गिरावट पेट्रोल पम्प पर खड़े युवक को ट्रक ने कुचला... भारतीय अर्थव्यवस्था के शोधों के नतीजे उत्साहजनक