रमज़ान मनाने के लिए 33 करोड़, तब्लीगी जमात को अलग से पैसा, कांग्रेस सरकार से भाजपा ने पुछा- हिन्दुओं की क्या गलती ?

हैदराबाद: केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना के भाजपा नेता बंदी संजय ने राज्य की कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा है कि, सरकार ने रमजान और हिंदू त्योहारों के बीच धन आवंटन में पक्षपात किया है। करीमनगर के सांसद ने बताया है कि रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने रमजान के लिए 33 करोड़ रुपये आवंटित किए, जबकि हैदराबाद के क्षेत्रीय त्योहार बोनालु के लिए मात्र 5 लाख रुपये मंजूर किए गए।

हैदराबाद में एक सभा में संजय ने कहा, "अगर आप (कांग्रेस सरकार) रमजान के लिए धन देते हैं, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। आप अतिरिक्त 10 करोड़ रुपये भी देते हैं, हमें कोई मतलब नहीं। लेकिन हिंदुओं ने क्या गलती की?" हिंदू त्योहारों का नाम लेते हुए भाजपा सांसद ने दावा किया कि इन सभी त्योहारों को अपर्याप्त धनराशि मिलती है। बता दें कि, कुछ ही दिन पहले तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया है, जिसमे कई बातों पर विवाद है। 

 

रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को 3,003 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष बीआरएस सरकार द्वारा आवंटित 2,200 करोड़ रुपये से काफी अधिक है। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि, कांग्रेस सरकार ने जहाँ अल्पसंख्यक कल्याण के लिए बजट में भारी इजाफा किया है, वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण के लिए धन में जबरदस्त कटौती की है। SC/ST का फंड 21,072 करोड़ रुपये से घटाकर 7,638 करोड़ रुपये कर दिया है। वहीं, आदिवासी कल्याण विभाग के बजट को 4,365 करोड़ रुपये से घटाकर 3,969 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

वित्त मंत्री ने बजट में यह भी कहा है कि सरकार ने इस साल रमज़ान के जश्न के लिए 33 करोड़ रुपये और आशूर खानों की मरम्मत और रखरखाव के लिए 50 लाख रुपये देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, जनवरी 2024 में तब्लीगी जमात की बैठक के लिए 2.4 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं और हज यात्रियों के लिए 4.43 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि तेलंगाना में अल्पसंख्यक आबादी लगभग 14 प्रतिशत, जो करीब 50 लाख बैठती हैं। उनके लिए ही कांग्रेस सरकार ने जमकर खज़ाना खोला है, जबकि बड़ी आबादी वाले SC/ST वर्ग के फंड में कटौती कर दी है। वहीं, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी कहते नहीं थकते कि ''जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी।'' लेकिन, अपने वादों के उलट, कांग्रेस जहाँ सत्ता में है, वहां अल्पसंख्यक तुष्टिकरण में लगी हुई है, क्योंकि ये समुदाय उसे एकमुश्त वोट देता आया है। 

 

गौर करने वाली बात ये भी है कि, देशभर के अल्पसंख्यकों के लिए जितना बजट केंद्र सरकार ने जारी किया है, लगभग उतना अकेली तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने अपने राज्य के अल्पसंख्यकों के लिए जारी कर दिया। पूरे देश की अल्पसंख्यक आबादी और तेलंगाना की अल्पसंख्यक आबादी में आप आसानी से अंतर कर सकते हैं। बता दें कि, केंद्र सरकार ने इस साल अपने बजट में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए कुल 3183.24 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. जो कि पिछले बजट की तुलना में 574.31 करोड़ रुपये अधिक है। वहीं, तेलंगाना सरकार ने  3,003 करोड़ दिए हैं, इसके अलावा रमजान मनाने और तब्लीगी जमात की बैठक के लिए भी अलग पैसा दिया है। इसके अलावा तेलंगाना की कांग्रेस सरकार मुस्लिमों को OBC कोटे में से आरक्षण भी दे रही है, और अल्पसंख्यक होने के तहत दूसरे लाभ भी। वहीं, SC/ST और OBC समुदाय को केवल आरक्षण का ही मिलता है, वे अल्पसंख्यक नहीं माने जाते, क्योंकि वे बहुसंख्यक हिन्दू समुदाय से हैं।  

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