हिमाचल-उत्तराखंड में भीषण बारिश से 33 लोगों की मौत, बचाव में उतरी सेना

देहरादून: उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 33 लोगों की मौत हो गई, कई घायल हो गए और 50 से अधिक लापता हैं। यहां बारिश के कारण कई घर, पुल और सड़कें बह गईं। हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिले के कई इलाकों में बादल फटने से मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर सात हो गई । सीएम सुखविंदर सिंह सुखू के आज प्रभावित इलाकों का दौरा करने की उम्मीद है। घटना के बाद 50 से अधिक लोग लापता हैं। अधिकारियों ने लापता व्यक्तियों के सात शव बरामद किये - शिमला और मंडी में तीन-तीन तथा कुल्लू में एक शव बरामद किया गया है।

इसके अलावा अनेक लोगों के लापता होने के कारण बचावकर्मी समय के साथ दौड़ते हुए, उखड़े हुए पेड़ों और ढही हुई इमारतों के बीच से जीवित बचे लोगों की तलाश में जुटे रहे। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और स्थानीय प्रशासन की टीमों को राज्य के प्रभावित क्षेत्रों में शवों को निकालने के लिए तैनात किया गया है। विभिन्न स्थानों से कुल 35 लोगों को बचाया गया है। लापता लोगों का पता लगाने के लिए अधिकारी ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।

इस बीच, भूस्खलन के कारण कई राज्य और राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन के कारण मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि कुल्लू में मलाणा बांध में भी दरार आने की खबर है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। भारतीय सेना ने झाकेरी में एक नियंत्रण केंद्र स्थापित किया है, जो शिमला के जिला कलेक्टर के अधीन राज्य सरकार के नियंत्रण केंद्र के साथ मिलकर काम करता है। लगभग 20 घर पूरी तरह बह गए हैं और पत्थरों और मलबे के नीचे दब गए हैं।

नाले में पानी का तेज़ बहाव और सतलुज नदी के साथ इसका संगम बचाव कार्य में बाधा डाल रहा है। भारी बारिश के कारण शाम 5 बजे बचाव कार्य रोक दिया गया और सुबह 7 बजे मिट्टी हटाने वाले उपकरणों की मदद से बचाव कार्य शुरू किया गया। यहां कुल्लू के शाट गांव का नवीनतम दृश्य है जहां पार्वती नदी पर स्थित मलाणा बांध टूट गया, जिससे क्षेत्र में मकान, मंदिर और फसलें क्षतिग्रस्त हो गईं।

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