भारत और चीन की रेल प्रणाली के बीच तुलना करते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि पिछले 40 सालों में देश में रेलवे में पर्याप्त निवेश नहीं किया गया। प्रभु ने कहा, 'रेलवे भारतीय अर्थव्यवस्था की आधार है और इसीलिए हमने रेलवे के पुनरुद्धार के लिए बड़े कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय किया है। पिछले 30, 40 साल में हमने रेलवे में पर्याप्त निवेश नहीं किया।' हाल में प्रकाशित अध्ययन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 1990 में चीन का रेलवे नेटवर्क भारत के मुकाबले छोटा था या बराबर था। पिछले 25 साल में इस मामले में चीन उल्लेखनीय रूप से भारत से आगे निकल गया।' प्रभु ने कहा कि एक आर्थिक शक्ति के रूप में चीन का विकास मजबूत रेल नेटवर्क के कारण संभव हो पाया है और रेल नेटवर्क में विस्तार क्षेत्र में निवेश से हुआ। रेलवे को कर्मशल रूप से व्यवहारिक बनाए जाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि हम केवल रेलवे के उपयुक्त कामकाज के जरिए देश के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में दो से तीन प्रतिशत का इजाफा कर सकते हैं।' स्टेशन की नई इमारत के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में प्रभु ने कहा, 'हम जब तक रेलवे में निवेश नहीं करते हैं, इसका कामकाज उपयुक्त नहीं हो सकता है।