व्यापारियों के संगठन कंफडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने इस वर्ष 'हिंदुस्तानी राखी' अभियान कि पहल कि है, जिससे चीन को लगभग चार हजार करोड़ रु की चपत लगने वाली है . कैट के मुताबिक देश में हर वर्ष रक्षाबंधन के खास मौके पर लगभग छह हजार करोड़ रुपये की राखियों का बिज़नेस होता है. वहीं, अभी तक इसमें अकेले चीन का ही योगदान लगभग चार हजार करोड़ रुपये का होता था. संगठन ने रक्षा मिनिस्टर राजनाथ सिंह को भी पांच हजार की राखियां भेजी थीं, जो की सीमा पर तैनात जवानों तक पहुंचाई जाएंगी. बता दें की कैट ने 'हिंदुस्तानी राखी' अभियान चलाया हुआ है, जिससे चीन को चार हजार करोड़ रुपये के इस बिज़नेस से हाथ धोना पड़ेगा. कैट से लगभग चालीस हजार ट्रेड एसोसिएशन जुड़े हुए हैं और पूरे भारत में इसके साथ करोड़ मेंबर हैं. CAIT ने एक बयान में बोला, 'भारत इस रक्षाबंधन को पूरी तरह से हिंदुस्तानी राखी अभियान चलाएगा और इससे चीन को लगभग चार हजार करोड़ रुपये की चपत लगेगी.' मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कैट के दिल्ली-एनसीआर के संयोजक सुशील कुमार जैन ने इस बारें में बताया, 'केवल तैयार राखी ही नहीं, इसके पहले चीन से राखी बनाने के सामान जैसे फोम, पेपर फॉइल, राखी का धागा, पर्ल, ड्रॉप, डेकोरेटिव आइटम आदि भी इम्पोर्ट किए जाते थे. लेकिन कैट के चीनी माल के बहिष्कार अभियान के कारण इस वर्ष राखी में चीनी सामान आयातित नहीं किए गए और हमें पूरा यकीन है कि इससे चीन को लगभग चार हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा.' राम मंदिर के लिए इस महिला ने 28 साल से नहीं खाया अन्न, 5 अगस्त को सफल होगी 'तपस्या' आज अयोध्या जाने वाले थे सीएम योगी, इस वजह से रद्द हो गया दौरा अयोध्या भूमि पूजन पर कमलनाथ ने किया बड़ा ऐलान, भाजपा बोली- आप तो काल्पनिक मानते थे ?