नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रकोप से दुनिया की जेल भी भला कैसे बच सकती थी. कोरोना का संक्रमण इंसान के इंसान से छूने से ही फैल रहा है. दुनिया की शायद ही ऐसी कोई जेल हो जिसमें कैदियों को गाजर-मूली की तरह ठूंस-ठूंस कर न भरा गया हो. ऐसे में भला कोरोना के साइड इफेक्ट्स से एशिया की सबसे मजबूत तिहाड़ जेल भी किस तरह महफूज रहती. इसी के चलते और सोशल डिस्टेंशिंग को सख्ती से लागू करने की उम्मीद में दिल्ली की जेलों से शनिवार को लगभग 419 कैदी रिहा कर दिए गए. दिल्ली जेल के महानिरीक्षक जेल और दिल्ली जेल प्रवक्ता राज कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, अन्य जेलों से भी बहुत से कैदियों की रिहाई की गई है. दिल्ली की जेलों से शनिवार को रिहा होने वाले कैदियों में सबसे अधिक संख्या अंतरिम जमानत की श्रेणी वाले कैदियों की (356) है. जेल महानिरीक्षक ने आगे बताया कि "63 कैदियों को आपातकालीन (आकस्मिक) पैरोल पर रिहा किया गया है." आपको बता दें कि अंतरिम जमानत के अंतर्गत ,कैदी को 45 दिन के लिए रिहा किया जाता है. जबकि आकस्मिक पैरोल पर कैदी 8 हफ्ते जेल से बाहर रह सकता है. यह तमाम कवायद जेल में बंद कैदियों की तादाद को कम करके सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए गई है. इस कारण इलाहाबाद बैंक और इंडियन बैंक के विलय में हो रही देरी आखिर क्यों बैंक कर्मचारियों को मिली वित्त मंत्री की सराहना ? कोरोना वायरस : अमेरिकी नागरिकों को मिला अब तक का सबसे बड़ा राहत पैकेज