जमुई: सोने के भंडार को लेकर 40 वर्ष पश्चात् बिहार के जमुई जिले (Bihar Jamui) का करमटिया गांव एक बार फिर ख़बरों में है। दावा किया जा रहा है कि करमटिया क्षेत्र 10 किलोमीटर के रेडियस में देश का 44 प्रतिशत सोना (222.885 मिलियन टन) छिपा हुआ है। अगर यह सच होता है तो क्षेत्र की पूरी तस्वीर बदल जाएगी। अब वहां सर्वे किया जा रहा है। जमुई में प्रागैतिहासिक काल से ऐतिहासिक काल के प्राचीन मानव सांस्कृतिक क्रिया-कलापों को खंगालने का कार्य आरम्भ कर दिया गया है। जमुई में पुरातात्विक खोजबीन के चलते प्राचीन काल के कई साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। लगभग 10 दिन से चल रहे सर्वेक्षण में पुरातत्व विभाग को शैल चित्रों में मानव, पेड़-पौधे, पक्षी, जानवर, सूर्य, चक्र और अन्य ज्यामितीय चिह्न प्राप्त हो रहे हैं। ज्यादातर आकृतियां शैल चित्र के तौर पर हैं। वही भगवान महावीर की जन्मस्थली गिद्धेश्वर पर्वतमाला के घने जंगलों में मौजूद शैल आश्रयों में प्राचीन मानव की सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रमाण प्राप्त हुए हैं। केंद्रीय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की मंजूरी के बाद बिहार संग्रहालय सर्वेक्षण कर रहा है। इसमें प्रागैतिहासिक काल से ऐतिहासिक काल तथा प्राचीन काल के प्रमाण पाए गए हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने बिहार संग्रहालय के अफसर डॉ. रवि शंकर गुप्ता को निदेशक नियुक्त करते हुए सर्वेक्षण की मंजूरी दी है। गिद्धेश्वर पर्वतमाला के घने जंगलों से सर्वे आरम्भ किया गया है। इस पर्वतमाला में बहुत बड़े-बड़े शैलाश्रय हैं। चित्रों में लाल रंग का उपयोग किया गया है। ये सभी शैल चित्र अलग-अलग जगहों पर हैं, जहां पहुंचने का मार्ग बहुत दुर्गम है। इस इलाके में नव पाषण-ताम्रपाषाण से प्रारंभिक ऐतिहासिक और पूर्व मध्य काल के शैलचित्र हैं। आस-पास अन्य पुरावशेष- प्रस्तर औजार, मृदमांड के टुकड़े, पके ईंटों के टुकड़े भी प्राप्त हुए हैं। जरा सी गलती के चलते शिक्षक ने दी बेजुबान जानवर को दर्दनाक मौत आखिर क्यों है कच्चतीवु द्वीप भारत और श्रीलंका के बीच में विवाद का कारण ? मां ने फेसबुक पर डाली फोटो तो गिरफ्तार हो गया बेटा, जानिए क्या है पूरा मामला?