'जलती चिता से लाश निकालकर 5 हिन्दुओं ने किया बलात्कार..', सोशल मीडिया पर क्यों फैलाया जा रहा ये झूठ?

नई दिल्ली: 1947 में भारत से अलग होकर इस्लामी मुल्क बने पाकिस्तान में कब्रों में दफन लड़कियों और महिलाओं की लाशों के साथ बलात्कार करना कोई नई खबर नहीं है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हुआ था, जिसमें कब्रिस्तान का केयरटेकर मोहम्मद रियाज खुद कबूल रहा है कि उसने 48 शवों के साथ बलात्कार किए हैं। लड़कियों की कब्रें खोद-खोदकर उनके साथ बलात्कार करने की हरकतें पाकिस्तान में इस कदर बढ़ चुकी हैं, कि अब वहां लोग महिलाओं की कब्रों पर ताला लगाने लगे हैं। लेकिन, ये सच्चाई कट्टरपंथियों को हजम नहीं हो रही है, और वे हिन्दुओं को नीचा दिखाने के लिए उनपर यही आरोप लगाने लगे हैं। किन्तु, हिन्दुओं में तो कब्रें होती नहीं, तो कट्टरपंथियों ने चिता से ही लाश निकालकर बलात्कार करने का झूठ फैलाना शुरू कर दिया है। 

 

उन्होंने राजस्थान के सीकर से फैली एक फर्जी खबर उठाई और सोशल मीडिया पर ऐसा दिखाना शुरू कर दिया कि भारत में जलती लाश के साथ दुष्कर्म होता है। यह झूठ फैलाने में प्रोपेगेंडाबाज पत्रकार मीर फैजल का नाम भी शामिल है। मीर फैसल ने अपने ट्वीट में लिखा कि राजस्थान के सीकर में शंकर लाल, बाबू लाला, राजू कुमार, दीपक और हरि सिंह ने जलती लाश को चिता से निकालकर उसके साथ बलात्कार किया।

 

मीर फैजल की तरह तमाम कट्टरपंथियों ने इस खबर को सोशल मीडिया पर जमकर वायरल किया और आरोपितों के नाम भी लिखे। कब्रों से लाशें निकालकर बलात्कार करने वाले सच को ढकने के लिए इस तरह का झूठ फैलाने वालों में सदफ आफरीन, मोहम्मद आसिफ खान जैसे कई मुस्लिम सोशल मीडिया यूजर्स के नाम सामने आए हैं। इन सबने मीडिया संस्थान एशियानेट द्वारा चलाई गई एक फेक न्यूज को आधार बनाकर ट्विटर पर जमकर झूठ फैलाया। हालाँकि, इनका झूठा प्रोपेगेंडा अधिक समय टिक नहीं सका, क्योंकि सीकर पुलिस ने खुद ही इसकी पोल खोल दी।

 

सीकर पुलिस ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'उक्त घटना मिथ्या एवं भ्रामक है। शव को चिता दाह संस्कार के 3 दिन बाद बाहर से आए व्यक्ति अपने परिचित से मिलने इलाके में आए, जिस से ग्रामीणों ने संदिग्ध समझकर मारपीट की गई, जिस पर थाना अजीतगढ़ द्वारा मौके पर पहुंच विधिक कार्यवाही की गई दुष्कर्म जैसी घटना नही होना पाई गई।' 

'मैंने इस्लाम क्यों छोड़ा' के लेखक हैरिस सुल्तान का खुलासा:-

बता दें कि, पाकिस्तान में अपनी बेटियों की मौत के पश्चात् लोग उनकी कब्र पर ताले लगाने को विवश हैं। यहां मृत महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई व्यक्तियों ने इस मुद्दे को उठाया है। इनमें कार्यकर्ता एवं लेखक हैरिस सुल्तान का नाम भी शामिल हैं। उन्होंने ट्विटर पर एक फोटो साझा करते हुए इस मामले की खबर दी। उन्होंने 'द कर्स ऑफ गॉड, वाय आई लेफ्ट इस्लाम' नाम से एक पुस्तक लिखी है। हैरिस ने बताया है कि उन्होंने इस्लाम क्यों छोड़ा। अब इस घिनौनी घटना के लिए उन्होंने कट्टर इस्लामी विचारधारा को जिम्मेदार ठहराया है।

 

अपने ट्वीट के कैप्शन में उन्होंने लिखा है, 'पाकिस्तान ने इतना कामुक, यौन कुंठित समाज बना लिया है कि लोग अब अपनी बेटियों की कब्र पर ताले लगा रहे हैं जिससे उनके साथ रेप न हो। जब आप बुर्के को बलात्कार से जोड़ते हैं, तो यह आपके पीछे-पीछे कब्र तक जाता है।' रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी प्रकार के ट्वीट कई अन्य उपयोगकर्ताओं ने भी किए हैं। पाकिस्तान में 2011 में इसी प्रकार की बड़ी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया गया था। तब कराची के नजीमाबाद में कब्र की देखरेख करने वाले मुहम्मद रिजवान नामक शख्स ने कबूल किया था कि उसने 48 महिलाओं के शवों के साथ बलात्कार किया है। उसे गिरफ्त में लिया गया था। वहीं मई 2022 में कुछ अज्ञात पुरुषों ने कब्र से एक टीनेज लड़की का शव निकालकर उसके साथ बलात्कार किया था। ये घटना पाकिस्तान के गुजरात के कामाला गांव से सामने आई थी। जिस दिन इस लड़की का शव दफनाया गया, उसी शाम उसके साथ इस घिनौनी घटना को अंजाम दिया गया था। इसी सच को ढकने के लिए भारत में कट्टरपंथी लोग, हिन्दुओं के चिता से लाश निकालकर उससे बलात्कार करने का झूठ फ़ैलाने में लगे हुए हैं। ये उसी तरह है, जैसे यदि निकाह हलाला पर चर्चा होती है, तो कट्टरपंथी, हज़ारों साल पुरानी नियोग प्रथा को उठा लाते हैं, जो आज अस्तित्व में ही नहीं है।   

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