नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने 5 निजी चिकित्सालयों को 700 करोड़ रूपए से भी अधिक का प्राप्त किया गया अवांछित लाभ जमा करने का निर्देश दिया गया है। दरअसल इन चिकित्सालयों ने गरीबों का उपचार करने से इन्कार कर दिया था। इस तरह के 5 चिकित्सालयों में फोर्टिस एस्कार्ट हार्ट इंस्टीट्यूट और मैक्स सुपर स्पेश्यिलिटी चिकित्सालय में वे शामिल हैं। इन चिकित्सालयों को गरीबों का उपचार करने की शर्त पर जमीन लीज़ पर आवंटित की गई। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक डाॅ. हेमप्रकाश ने कहा कि मैक्स, फोर्टिस एस्कार्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, शांति मुकुंद चिकित्सालय, धर्मशिला कैंसर चिकित्सालय और पुष्पावती सिंघानिया रिसर्च इंस्टीट्यूट को 1960 और 1990 के बीच रियायती दर पर भूखंड आवंटित किया गया था। इससे उन्हें गरीबों का मुफ्त उपचार करवाया जाएगा। इस मामले में डाॅ. हेमप्रकाश का कहना था कि 5 चिकित्सालयों ने विभिन्न शर्तों का पालन नहीं किया। उन्होंने दिसंबर 2015 में इस तरह के चिकित्सालयों को नोटिस भेजकर अपनी ओर से सफाई मांगी थी। उन्होंने गरीबों का उपचार करने में असमर्थता जताई थी। जिसके कारण इन चिकित्सालयों से अथाॅरिटी ने सवाल किए थे कि ऐसे में इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाना चाहिए क्या। दिल्ली में 43 चिकित्सालयों को रियायती दर जमीन दी गई थी। मगर उनके सामने शर्त यह रखी गई थी कि वे अपने चिकित्सालय में बेड पर 10 प्रतिशत और बाह्य रोगी विभाग में 25 प्रतिशत स्थान पर मुफ्त उपचार करेंगे।