मदुरै: तमिल नाडु के मदुरै के एक गांव में तक़रीबन 50 दलितों ने जिंदगी में पहली दफा स्थानीय मंदिर में प्रवेश किया. दिलचस्प बात यह है कि मंदिर बीस दलित परिवारों से घिरा हुआ है और वे ही मंदिर की देखरेख भी करते हैं और पुजारी भी इन्हीं दलित परिवारों में से एक है. इन बीस परिवारों के अलावा गांव के अन्य तमाम दलितों को मंदिर में प्रवेश करने से इंकार कर दिया गया था. बता दें कि पेक्कमन करुप्पासामी मंदिर इस क्षेत्र में काफी लोकप्रिय है, और इसके पास आठ एकड़ जमीन है. साथ ही मंदिर में प्रसाद आदि के माध्यम से एक अच्छा राजस्व भी आता है. कहा जाता है कि चूंकि, पिरामलाई कल्लर, आयोजन कमेटी का हिस्सा हैं, इसलिए सुनिश्चित किया गया है कि दलितों को भीतर जाने की इजाजत न हो. हाल ही में गांव के एक दलित शख्स ने मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने जिला प्रशासन को कार्रवाई करने का आदेश दिया और तफ्तीश के दौरान पिरामलाई कल्लर ने दलितों को प्रवेश करने से रोकने के आरोपों से मना कर दिया. इसके बाद गांव के 50 दलितों को आखिरकार पहली बार मंदिर में एंट्री मिली. जिस वक़्त वे मंदिर में दर्शन करने के लिए प्रवेश कर रहे थे, उस समय बड़ी तादाद में पुलिस अधिकारी और थिरुमंगलम तहसीलदार की मौजूदगी थी. युगांडा के राष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर COVID स्क्रीनिंग की निगरानी के लिए जारी किए नए निर्देश एलआईसी क्रेडिट कार्ड सेवाएं और आईडीबीआई बैंक ने एक्लैट किया लॉन्च इस बैंक के ग्राहकों के लिए अच्छी खबर, मिलने जा रहा है ये बड़ा फायदा