भोपाल: मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की हुई. इसमें तय किया गया कि प्रधानमंत्री ई-बस योजना के तहत राज्य के 6 शहरों में 552 ई-बस चलाई जाएंगी. भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन एवं सागर में ई बसों का संचालन पीपीपी मॉडल के आधार पर संचालन किया जाएगा. सिटी बस सेवाओं के बुनियादी ढांचे के विस्तार एवं ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए पीएम ई-बस सेवा योजना के प्रदेश में संचालन का निर्णय लिया गया. वही इसके अतिरिक्त मोहन मंत्रिमंडल ने मंदसौर, राजगढ़, सीधी, सिवनी एवं बालाघाट, जिले की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के लिए 10,373 करोड़ रुपए से ज्यादा की स्वीकृति दी. मंदसौर जिले में 60 करोड़ 3 लाख रुपए लागत की ताखाजी सूक्ष्म दबाव सिंचाई परियोजना (सैंच्य क्षेत्र 3550.53 हेक्टेयर) को लेकर फैसला लिया गया. इसी तरह राजगढ़ जिले की मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना लागत 4666 करोड़ 66 लाख रुपए (सैंच्य क्षेत्र 1,51,495 हेक्टेयर) की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी. वहीं, सीधी जिले में 4167 करोड़ 93 लाख रुपए लागत की सीतापुर हनुमना माइक्रो सिंचाई परियोजना (सैंच्य क्षेत्र 1,20,000 हेक्टेयर) की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करते हुए इस प्रोजेक्ट की स्वीकृति के क्रम में प्रशासकीय स्वीकृति एवं टेंडर के लिए तय सूचकांक के बंधन से छूट दी गई. परियोजना से रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली जिले के 663 ग्रामों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा. मंत्रि-परिषद ने सिवनी एवं बालाघाट जिले की संजय सरोवर परियोजना (अपर वैनगंगा) के नहरों की विस्तारीकरण, नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण (ई.आर.एम.) के कार्य के लिये 332 करोड़ 54 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी. ERM के कार्य पूरा होने पर 11 हजार 450 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा. मंत्रिमंडल ने बाणसागर बहुउद्देशीय परियोजना अंतर्गत बहुती नहर को भारत सरकार की Modernization of command area development work (MCAD) अंतर्गत लागत 1146 करोड़ 34 लाख रुपए के अंतर्गत माइक्रो सिंचाई प्रोजेक्ट में परिवर्तित करने की सैद्धांतिक इजाजत दी है. मोहन कैबिनेट के अन्य फैसले:- मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल की तरफ से 'स्टार्टअप एवं इन्क्यूबेशन" के सबंध में किए जा रहे कार्यों का समावेश सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत करने के लिए मध्यप्रदेश कार्य (आवंटन) नियम में संशोधन की स्वीकृति दी गई है. राज्य की प्रशासनिक इकाईयों के पुर्नगठन के लिए "मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग" गठित करने की मंजूरी दी है. मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन, आयोग की टर्म्स ऑफ रिफरेंस, आयोग का स्वरूप, वेतन, भत्ते, प्रशासनिक संरचना और वित्तीय प्रस्ताव की मंजूरी दी गई. अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्थाओं के अध्यापकों एवं कर्मचारियों को एक जनवरी, 2006 से छटवें वेतनमान का लाभ देने की मंजूरी दी गई. 'हथियार लेकर आ रहे किसान', किसानों आंदोलन पर बोले त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजेपी का गठबंधन भूल गई? कांग्रेस नेता दीक्षित का तीखा जवाब इंस्टाग्राम रील बनाने के बाद पुल से कूद गया युवक, जाँच में जुटी पुलिस