झारखंड में कोविड का कहर जारी है। शुक्रवार की सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किये गए रिपोर्ट के अनुसार बीते गुरुवार को राज्य में कोविड के 5691 नए मरीज पाए गए हैं। जबकि इस बीच 4755 लोगों नो कोविड को मात दी है। वहीं 145 लोग कोविड के साथ जिंदगी की जंग हार चुके हैं। सबसे अधिक 59 मौतें रांची में, 13 रामगढ़ में 12 पूर्वी सिंहभूम में, 11 धनबाद में और 7 बोकारो में हुई हैं। जंहा इस बात का पता चला है कि झारखंड के लोगों के लिए अप्रैल कातिल माह साबित हुआ है। कोविड की पहली लहर में जितनी मौतें एक वर्ष में नहीं हुई। इस बार उससे अधिक केवल अप्रैल के 29 दिनों में हुई है। झारखंड में कोविड से पहली मौत 8 अप्रैल 2020 को हुई थी। 1 अप्रैल 2021 तक राज्य में 1114 लोगों की जान इस वायरस की महामारी से चली गई। जबकि 30 अप्रैल की सुबह तक इससे मरने वालों का आंकड़ा 2540 हो गया है। यानी 29 दिनों में 1426 लोगों की सांसें जिसके कारण थम गई है। राज्य में इस बीच सबसे अधिक 489 मौतें प्रदेश की राजधानी रांची में तो सबसे कम 4 मौतें पाकुड़ में हुई है। राज्य में मौत की तेजी का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि यह राष्ट्रीय औसत 1.10 से भी आगे 1.11 हो चुका है। 29 अप्रैल को जहां देश का ग्रोथ रेट 1.3 % था तो झारखंड में मरीजों के मिलने की तेजी लगभग दोगुनी 2.55% हो गई है। वहीं डबलिंग रेट राष्ट्र का 51.48 है तो झारखंड में 27.52 दिन में ही मरीजों का आंकड़ा दोगुना होता जा रहा है। इस बीच झारखंड का रिकवरी रेट भी तेजी से घटा है। 1 अप्रैल तक झारखंड का रिकवरी रेट जहां 96.42% था। ये 29 अप्रैल को 74.31% हो गया। जबकि देश में यह 82.10 है। राज्य में कोविड की रफ्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केवल 29 दिन में 52,225 नए मरीज मिले हैं। 1 अप्रैल तक झारखंड में एक्टिव मरीजों की संख्या 3352 थी। 29 अप्रैल को यह बढ़कर 55877 हो गई। इस दौरान राज्य में 9,68,061 सैंपल की जांच हुई। हालांकि इसी बीच राज्य में 48,608 लोगों ने कोरोना को मात भी दी है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल हुए कोरोना संक्रमित, खुद को किया आइसोलेट अपनी मौत से 2 दिन पहले ही रोहित सरदाना ने किया था लोगों से आग्रह, कही थी ये बड़ी बात अपनी बहन की सहायता से असहाय लोगों की मदद करने के लिए अर्जुन ने जुटाए इतने करोड़