तमिलनाडु में कारगर साबित हुई पारंपरिक सिद्ध चिकित्सा प्रणाली की दवा

इस समय कोरोना के मामले दिन पर दिन बढ़ते ही चले जा रहे हैं. ऐसे में तमिलनाडु में कोरोना वायरस से संक्रमित करीब छह हजार मरीज पारंपरिक सिद्ध चिकित्सा प्रणाली की दवा खाने से ठीक हो गए हैं. जी दरअसल आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि 'सात अगस्त तक तमिलनाडु में दो महानगरों सहित विभिन्न स्थानों पर स्थापित 11 विशेष सिद्ध कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र (सीसीसी) में भर्ती 5,725 कोरोना वायरस संक्रमित सिद्ध पद्धति की दवाओं से ठीक हुए हैं.'

इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि, 'चेन्नई के जवाहर विद्यालय और व्यासपर्दी स्थित डॉ. आम्बेडकर राजकीय कला महाविद्यालय में स्थापित सिद्ध सीसीसी में 7 अगस्त के आस पास करीब 3200 बिना लक्षण वाले कोविड-19 मरीजों का सिद्ध दवाओं से इलाज किया जा चुका है.' इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि '434 मरीजों का यहां के दो केंद्रो पर इलाज चल रहा है, 715 मरीजों का जिले के 12 सिद्ध सीसीसी में इलाज चल रहा है.' इसी के साथ चेन्नई के अलावा वेल्लोर में भी सबसे अधिक 1,258 कोविड-19 मरीजों का इलाज इसी सिद्ध पद्धति के द्वारा किया जा रहा है.

इस मामले में सूत्रों का कहना है कि थेनी स्थित दो सिद्ध सीसीसी के अलावा तिरुवन्नामलाई, थाचर, वेल्लोर, थिरुपुथुर, रानीपेट, तेनकाशी, विल्लुपुरम और कोयंबटूर में भी विशेष केंद्र चलाये जा रहे हैं. इसी के साथ दो और केंद्र सेलम और पुडुकोट्टाई में बीते दिनों ही शुरू हुए हैं. वहीं इससे पहले राज्य सरकार ने जड़ी बूटी से तैयार की गई प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और वायरस के संक्रमण से मुकाबला करने में सक्षम सिद्ध पद्धति की दवा 'कबसुरा कुदीनीर को एकीकृत इलाज में शामिल करने के बारे में आदेश दिया जा चुका है.

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