दुनिया के तीन देशों दक्षिण कोरिया, अमेरिका और चीन में 5G को कमर्शियली रोल आउट कर दिया गया है. इस नेक्स्ट जेनरेशन नेटवर्क को भारत में भी लॉन्च करने के लिए सरकार ने तैयारी कर ली है. इस नेक्स्ट जेनरेशन नेटवर्क के रोल आउट हो जाने के बाद न सिर्फ फास्ट डाटा मिलेगा, बल्कि नेटवर्क कनेक्टिविटी में भी स्टेबिलिटी देखने को मिलेगी. हालांकि, अभी भी भारत में इस नेक्स्ट जेनरेशन नेटवर्क को लाने में कई रोड़े हैं. 5G नेटवर्क के स्पेक्ट्रम एलोकेशन से लेकर, इसके ट्रायल और कमर्शियल रोल आउट की दिशा में कितना काम हुआ है आइए जानते है. अब हवाई यात्रा के लिए नहीं दिखाना पड़ेगा बोर्डिंग पास या पहचान पत्र, आ गई नई तकनीक इस समय अब यह निर्णय भारत सरकार को लेना है कि चीनी टेक्नोलॉजी और इक्वीपमेंट निर्माता कंपनी Huawei को भारत में 5G की ट्रायल की अनुमति देनी चाहिए या नहीं. आपको बता दें कि Huawei पर अमेरिका ने पहले बैन लगाया था, बाद में कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. Huawei ने भारत में 5G ट्रायल के लिए देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी Vodafone Idea के साथ हाथ मिलाया है. अब Huawei को भारत सरकार के फैसले का इंतजार है कि सरकार उसे ट्रायल की इजाजत देती है कि नहीं. Gizmore ने बाजार में पेश किया वायरलेस चार्जर, ये है कीमत इस साल भारत सरकार 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी. इसके लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी कि ट्राई (TRAI) ने 3.3 गीगाहर्ट्ज से 3.6 गीगाहर्ट्ज के बैंड के 275 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को 490 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज की दर से बेचने की दर तय की है. इस बैंड की दक्षिण कोरिया में कीमत करीब 131 करोड़ रुपये प्रति बैंड थी, जिसकी नीलामी पिछले साल जून में की गई थी. COAI (सेल्युलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया) ने 5G स्पेक्ट्रम की भारत में कीमत ग्लोबल रेट से 30 से 40 फीसद ज्यादा रखी है. टेलिकॉम कंपनियों का मानना है कि स्पेक्ट्रम की हाई प्राइसिंग की वजह से 80 से 100 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम के लिए उन्हें सालाना 9,480 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा, जिसकी वजह से उन्हें कोई फायदा नहीं होगा. Netflix ने बहुत कम कीमत वाला प्लान किया पेश, कॉम्पटीशन का उठाए लाभ प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्राई ने 5G स्पेक्ट्रम की दर काफी हाई रखी है, टेलिकॉम कंपनियां स्पेक्ट्रम की नीलामी से पहले फंड रेज करने में जुट गई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने 25-25 हजार करोड़ रुपये का फंड अब तक जुटाया है. एक और टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो भी 3,500 करोड़ रुपये की फंड जुटाने मे लगी है. भारत में 5G सेवा को कमर्शियली रोल आउट होने में कम से कम 2 साल का वक्त लगेगा. ट्रायल और टावर अपग्रेडेशन इस दौरान स्पेक्ट्रम की नीलामी से लेकर किया जाएगा. Nokia Mobile Fan Festival: इन स्मार्टफोन पर मिलेगा 4000 रु का गिफ्ट कार्ड ओप्पो और विवो अपने फ्लैगशिप में जल्द ला सकते है डुअल वाई-फाई TikTok और Helo की यूजर्स के बीच लोकप्रियता बढ़ी, सरकार के साथ पूर्ण सहयोग का वादा