इंदौर: मध्यप्रदेश में एक तरफ कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ कोरोना मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। हाल ही में मिली जानकारी के तहत कोरोना मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले छह सदस्यीय गिरोह को विजयनगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में मिली जानकारी के तहत आरोपितों ने बड़े अस्पताल के कोविड सेंटर में कार्यरत महिला डाक्टर नमृता का नाम लिया है। इस मामले में पुलिस ने पांच रेमडेसिविर इंजेक्शन, चार पैकेट फेबिफ्लू टैबलेट और पांच अन्य प्रकार के इंजेक्शन जब्त किए हैं। टीआइ तहजीब काजी ने बातचीत में कहा, ''पुलिस तीन दिन से आरोपितों की तलाश में लगी थी। शुक्रवार दोपहर खजराना क्षेत्र के अजहर को पकड़ा। अजहर पहले एलआइजी चौराहा स्थित अस्पताल में काम करता था। उसने निर्मल, धीरज सहित अन्य का नाम कुबूला। देर रात पुलिस ने 6 आरोपितों को हिरासत में ले लिया।'' इसके अलावा टीआइ ने यह भी बताया कि, 'आरोपितों ने बताया, वे 25 हजार से 35 हजार में एक इंजेक्शन का सौदा करते थे। वह कोरोना से मृत मरीजों के बचे इंजेक्शन की भी कालाबाजारी करते थे, जबकि एक गैंग मरीजों की फर्जी भर्ती दर्शाकर विधायकों व मेडिकल दुकानों से इंजेक्शन खरीद लेता था। आरोपित धीरज की बहन डा. नमृता एक बड़े अस्पताल के कोविड वार्ड में पदस्थ है। पुलिस उसकी भूमिका भी जांच रही है।' वहीँ दूसरी तरफ बाणगंगा थाना पुलिस ने संदीप ओझा, हरिराम केवट, चिरंजीव भारद्वाज और सोनू बैरवा को शुक्रवार दोपहर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। टीआइ राजेंद्र सोनी का कहना है कि इन आरोपितों से क्राइम ब्रांच ने 5 रेमडेसिविर इंजेक्शन और 60 हजार रुपये नकद जब्त किए थे। रेलवे कैंप में आम जनता का मुफ्त में होगा RT-PCR टेस्ट, इंडियन रेलवे का ऐलान चारा घोटाला: जमानत मिलते ही 'स्वस्थ' हुए लालू ! दिल्ली AIIMS से बेटी मीसा के घर शिफ्ट हुए इंदौर: 7 मई तक बढ़ा जनता कर्फ्यू, बंद हुई होटल-रेस्त्रां से होम डिलीवरी