कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सत्ता में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की वापसी के एक माह गुजरने के बाद भी हिंसा की कई खौफनाक तस्वीरें सामने आ रही है। बलात्कार, यौन प्रताड़ना और पुलिस की उदासीनता से बंगाल की महिलाओं ने सर्वोच्च न्यायालय को अवगत कराया है। सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं पर सामूहिक दुष्कर्म के आरोप लगाते हुए इन महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट से SIT जाँच की गुहार लगाई है। बता दें कि बंगाल में 2 मई 2021 को विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद हिंसा भड़क गई थी। विपक्ष खासकर भाजपा समर्थकों को चुन चुनकर निशाना बनाने के आरोप TMC समर्थकों पर लगे थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गोधरा मामले का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत से उसी तरह अपनी निगरानी में बंगाल में सामूहिक दुष्कर्म और हत्याओं की SIT जाँच की माँग की गई है। एक 60 वर्षीय महिला ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 4-5 मई को पूर्व मेदिनीपुर में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद TMC के कार्यकर्ता उसके घर में जबरन घुस आए। लूटपाट करने से पहले 6 साल के पोते सामने ही उसका सामूहिक बलात्कार किया। पीड़ित महिला ने बताया है कि 3 मई को खेजुरी विधानसभा सीट से भाजपा की जीत के बाद 100-200 TMC कार्यकर्ताओं की भीड़ ने उसके घर को घेर लिया और उसे बम से उड़ाने की धमकी दी। इस भय से उसकी बहू अगले दिन घर छोड़कर चली गई। इसके बाद 4-5 मई को पाँच TMC कार्यकर्ताओं ने चारपाई से बाँधकर 6 साल के पोते से सामने उनका सामूहिक बलात्कार किया। महिला ने बताया कि घटना के दूसरे दिन वह अचेत अवस्था में पड़ोसियों को मिली। इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया। उनका आरोप है कि पुलिस ने FIR लिखने से भी इंकार कर दिया था। पीड़िता का कहना है कि विधानसभा चुनाव के बाद TMC के कार्यकर्ता बदला लेने के लिए बलात्कार को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। गौतम अडानी को बड़ा झटका, 43500 करोड़ के शेयर हुए फ्रीज़ शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 200 अंक से आया नीचे सरकार ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के डेटा उल्लंघन से किया इंकार