श्रीनगर: अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान के राज के आने और वहाँ से अमेरिकी सैनिकों के जाने का असर जम्‍मू-कश्‍मीर में भी नज़र आने लगा है। घाटी में छिपे हुए आतंकियों के एक्टिव होने से भारत की सुरक्षा चिंता बढ़ गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों का कहना है कि कम से कम 6 आतंकियों के समूहों ने बड़े लक्ष्य को ध्‍यान में रखते हुए जम्‍मू-कश्‍मीर में घुसपैठ की है। ऐसा बताया जा रहा है इन आतंकियों के टारगेट पर कुछ बड़े प्रतिष्ठान या लोग हो सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, 25 से 30 आतंकी ऐसे हैं, जिनकी जांच खुफिया एजेंसियाँ कर रही हैं। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर घाटी से 60 लड़कों के गायब होने से भी सुरक्षा एजेंसियाँ अलर्ट हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ये लोग बीते कुछ महीनों में ही गायब हुए हैं और इन्हें लेकर यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि ये किसी आतंकी संगठन या फिर तालिबान में ही भर्ती हो गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने बताया जमीनी स्‍तर के सबूतों पर यदि ध्‍यान दें तो पता चलता है कि अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद जम्‍मू-कश्‍मीर में बीते एक महीने में ही हिंसा की घटनाओं में अचानक से इजाफा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'बीते एक महीने से रोज़ाना कोई न कोई हमला होता है। चाहे यह हमला सिक्योरिटी फोर्सेज पर हो या फिर राजनीतिक नेताओं पर हो रहा हो।' पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन लॉन्‍च पैड में भी आतंकी गतिविधियों में इजाफा हुआ हैं, जहाँ फरवरी में हुए संघर्षविराम के बाद से ऐसी कोई हलचल नहीं थीं। सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि कम से कम 300 आतंकियों ने एक बार फिर से नियंत्रण रेखा (LOC) के आसपास के कैंपों में डेरा जमा लिया है। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि इसे लेकर सुरक्षाबल पूरी तरह सतर्क हैं। ओला की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश के जरिए बनाई जा रही है करोड़ों जुटाने की योजना विप्रो ने इन पदों के लिए निकाली बंपर भर्तियां बैंक ग्राहकों को बड़ा झटका! 1 सितंबर से बदलने जा रहे है ये नियम