600 बीघा जमीन, 12 करोड़ और सेवादारों में छुपा है सबसे बड़ा राज

इंदौर: भय्यू महाराज आत्महत्या केस में एक नया पेंच 600 बीघा जमीन, 12 करोड़ नकद और 200 करोड़ का बेनामी निवेश भी है। जानकारी के अनुसार बता दें कि महाराज की मौत के बाद करोड़ों रुपए सेवादार आदि ने मिलकर बांट लिए। इसके साथ ही इस मामले में पुलिस ने नए सिरे से जांच शुरू कर दी है और सभी संदेहियों की तलाश की जा रही है। घोटाले की प्रमुख राजदार महिला श्रीलंका की जेल में बंद है।

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वहीं बता दें कि भय्यू महाराज की आत्महत्या के बाद उनके करीबी विनायक दुधाले, मनमीत अरोरा, शेखर और अन्य सेवादारों ने महाराज की पत्नी डॉ. आयुषी और मां कुमोदनी देवी को बदनामी का डर बताकर मुंह बंद कर दिया और उनके करोड़ों रुपए नकद, बेनामी संपत्ति में किया निवेश लेकर गायब हो गए। वहीं बता दें कि हिस्से के दो करोड़ रुपए नहीं मिलने पर ड्राइवर कैलाश पाटिल ने वकील राजा बड़जात्या को पांच करोड़ के लिए धमकाया और गिरोह का भंडा फूट गया। इसके साथ ही कैलाश का दावा है कि विनायक से पास 12 करोड़ रुपए थे। महाराज की आत्महत्या के कुछ दिनों बाद वे महाराष्ट्र भिजवा दिए। उसने मुंह बंद रखने के लिए दो करोड़ देने का वादा किया था।

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इसके अलावा बताया जा रहा है कि महाराज ने भी करोड़ों रुपए निवेश करवाए हैं और सेवादार विवादित जमीनों के सौदे करवाते थे। राजनेताओं के जरिए मसले सुलझा देते थे। बता दें कि मुंबई की चिटफंड कारोबारी वर्षा सतपालकर उर्फ ताई से बैतूल-छिंदवाड़ा की 600 बीघा विवादित जमीन में करीब 200 करोड़ रुपए निवेश करवाए थे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख की मदद से विवाद सुलझाने का झांसा देकर करोड़ों रुपए कमीशन लिया था। वहीं बता दें कि जांच में शामिल एक अधिकारी के अनुसार वर्षा से पूछताछ की तैयारी की गई थी लेकिन वह श्रीलंका की जेल में बंद है। कुछ अन्य राजदारों को तलब किया जा रहा है।

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