जालंधर : पंजाब में फसलों की नाड़ (नरवाई )को जलाने को रोकने को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार 2 वर्षों में पंजाब को 665 करोड़ रुपए देने को सहमत हो गई है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय मंत्रियों के सामने किसानों द्वारा नाड़ को जलाने की समस्या से निपटने के लिए केंद्रीय सहायता की मांग की थी. बता दें कि नाड़ को जलाने से वातावरण प्रदूषित हो रहा है .केंद्र द्वारा अब दी जाने वाली राशि से नाड़ प्रबंधन के लिए पंजाब सरकार द्वारा प्रयास किए जाएंगे.नाड़ जलाने का मामला राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल में भी चल रहा है . धान की फसल को जब कटेगी तो उसकी नाड़ को जलाने के कारण पैदा होने वाले प्रदूषण पर सबकी नजर रहेगी. राज्य सरकार के तर्कों से सहमत होने के बाद केंद्र ने यह राशि मंजूर की है .665 करोड़ की राशि में से पहली किस्त 395 करोड़ की जल्द पंजाब को मिलेगी. उल्लेखनीय है कि 2016 में पंजाब में नाड़ जलाने की घटनाएं लगभग 85 प्रतिशत थी,लेकिन कैप्टन सरकार बनने के बाद राज्य में नाड़ जलाने की घटनाएं कम होकर 62 प्रतिशत रह गई. अब इसे और कम करने की योजना पर अमल किया जाएगा. केंद्र सरकार ने 2018-19 के बजट में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विशेष बजट का प्रावधान किया था. पंजाब सरकार ने भी अपने वार्षिक बजट में इसके लिए करीब 100 करोड़ की राशि रखी है. यह भी देखें पंजाब: 24 घंटे और 5 किसान, दर्दनाक दास्तान उत्तर भारत में खतरा टला नहीं है- मौसम विज्ञान