भुवनेश्वर: नई दिल्ली में बीते 30 मई को हुए नरेंद्र मोदी और उनके कैबिनेट के शपथ समारोह में शपथ लेने के लिए ओडिशा में अपनी झोपड़ी से निकलते हुए कमज़ोर से दिखने वाले और ईमानदार माने जाने वाले 64 वर्षीय एक शख्स की तस्वीरें मुख्यधारा की मीडिया और सोशल मीडिया पर सुर्ख़ियों में आ गई हैं। ये शख्स है ओडिशा के प्रताप चंद्र सारंगी जो लोकसभा का चुनाव जीतकर सदन पहुंचे हैं और जिन्हे मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया है। लेकिन, सारंगी के हलफनामे से यह भी पता चलता है कि उनके खिलाफ सात आपराधिक मामले विचाराधीन हैं। उनके ख़िलाफ़ दंगा करने, धर्म के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच घृणा को बढ़ावा देने, आपराधिक धमकी और जबरदस्ती वसूली के आरोपों के तहत मामले दर्ज हैं। इनमें से अधिकतर मामले ओडिशा में भाजपा और बीजद के गठबंधन से बनी सरकार के दौरान दर्ज हुए थे। मार्च 2002 की एक घटना में, जब सारंगी आरएसएस से सम्बंधित हिंदुत्ववादी संगठन बजरंग दल के प्रदेश प्रमुख थे, तब उन्हें ओडिशा पुलिस ने दंगा, आगजनी, हमला और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में हिरासत में लिया था। जनवरी 1999 में भी ओडिशा में बजरंग दल के अध्यक्ष सारंगी थे, आरोप है कि तब एक ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेंस और उनके 11 व 7 वर्ष की आयु के दो बेटों को बजरंग दल से सम्बंधित एक समूह द्वारा जिंदा जला दिया गया था। सारंगी से इस मामले में पूछताछ की गई तो उन्होंने इसमें शामिल होने से मना कर दिया था। अभियोजन पक्ष ने उससे दूसरी बार पूछताछ नहीं की। वहीं फरवरी 1999 में एक इंटरव्यू में सारंगी ने इस बात से इनकार कर दिया था कि बजरंग दल ग्राहम स्टेंस और उनके बेटों की हत्या में शामिल था। साथ ही उन्होंने हत्या की निंदा भी की थी। उल्लेखनीय है कि सांसद चुने जाने से पहले प्रताप चंद्र सारंगी ओडिशा के नीलगिरी विधानसभा से 2004 और 2009 में MLA रह चुके हैं। इससे पहले वह 2014 के लोकसभा चुनाव में भी खड़े हुए थे, लेकिन तब उन्‍हें शिकस्त मिली थी। अमेठी से क्यों हारे राहुल, दो सदस्यीय कांग्रेस कमिटी ने किया खुलासा ममता बनर्जी को दस लाख पोस्टकार्ड पर जय श्री राम लिखकर भेजेगी बीजेपी नए भाजपा अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं तेज, अमित शाह ने ली अहम् बैठक