इस्लामाबाद: कंगाली की मार सह रहा पाकिस्तान एक बार फिर हिंसा की आग में झुलस रहा है। पाकिस्तान की सड़कों पर बीते तीन दिनों से कट्टर इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक के समर्थक ने उत्पात मचा रखा है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के कारण पाकिस्तान जंग का मैदान बन चुका है और इस खूनी संघर्ष में अब तक सात लोगों की मौतें हो चुकी हैं और 300 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। पाकिस्तान में जो हिंसा भड़क रहीं हैं, उसके केंद्र में फ्रांस की पत्रिका में गत वर्ष पैगंबर मोहम्मद के छपे वह विवादित कार्टून हैं, जिसे लेकर इमरान सरकार को फ्रांस के राजदूत को वापस लौटाने को लेकर कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने डेडलाइन दी थी। किन्तु प्रदर्शन से पहले ही पार्टी के प्रमुख साद हुसैन रिज्वी की गिरफ्तारी ने पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात उत्पन्न कर दिए हैं। सड़कों पर लोगों को हुजूम नज़र आ रहा है। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा काफी ट्रेंड हो रहा है। बता दें कि पाकिस्तान ने कट्टर इस्लामी पार्टी के समर्थकों और कानून प्रवर्तन अधिकारियों के बीच लगातार तीसरे दिन झड़प होने के बाद तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान को वर्ष 1997 के आतंकवाद रोधी अधिनियम के नियम 11-बी के तहत बैन कर दिया है। गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने बताया कि मैंने तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) पर 1997 के आतंकवाद रोधी अधिनियम के नियम 11-बी के तहत बैन लगाने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। उन्होंने यह भी बताया कि बीते दो दिन में प्रदर्शनकारियों के साथ झड़पों में कम से कम दो पुलिस अधिकारियों की जान जा चुकी है जबकि 340 से अधिक घायल हुए हैं। ऑनलाइन मीटिंग में पूरी तरह निर्वस्त्र नज़र आए कनाडा के सांसद, मचा बवाल अफ़ग़ानिस्तान से वापस लौटने लगी अमेरिका की सेनाएं, NATO ने की थी पहल ईरान के सर्वोच्च नेता ने परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के दोहराए अमेरिकी प्रतिबंध