पंजाब के पठानकोट में एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की ढीली कार्यप्रणाली के चलते बुजुर्ग महिला की जान चली गई. इस बार मामला शहर के मोहल्ला रामपुरा का है, जहां 80 वर्षीय महिला सीता देवी को अचानक दिल का दौरा पड़ा. इसके बाद परिवार ने 108 नंबर एंबुलेंस को फोन कर जानकारी दी और अस्पताल पहुंचाने की गुहार लगाई. पहली बार सिंधिया ने दिग्विजय पर कसा तंज, बोली ये बात आपकी जानकारी के लिए बता दे कि महिला के बेटे राजिंद्र जिंदी ने आरोप लगाया कि 108 नंबर पर फोन किया तो कई सवाल पूछे गए. पूरी डिटेल देने के बाद भी पौना घंटा तक एंबुलेंस नहीं पहुंची. उसके बाद कई बार फोन किया पर हर बार जल्द एंबुलेंस भेजने का आश्वासन मिला. एक घंटे बाद ऑपरेटर ने कहा कि एंबुलेंस इस समय व्यस्त है, अभी समय लग जाएगा. इस पर वह अपनी बीमार मां को रेहड़ी पर लादकर निकले पर रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया. उत्तर प्रदेश में भी जनता को उठाना पड़ेगा पेट्रोल और डीजल की कीमतों का भार इसके अलावा जिंद्र ने बताया कि पिछले महीने उसके भतीजे के पेट में दर्द हुआ. वह भतीजे को लेकर 4-5 प्राइवेट और फिर सरकारी अस्पताल गए पर किसी ने भी उसका इलाज नहीं किया. प्राइवेट अस्पतालों ने इलाज से साफ इंकार किया जबकि सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे का चेकअप किए बिना उसे अमृतसर रेफर कर दिया. अमृतसर पहुंचने से पहले ही बच्चे की मौत हो गई. राजिंद्र ने कहा कि बच्चे की मौत के सदमे से परिवार उभर भी नहीं पाया था कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से मां को भी खो दिया. कोरोना मुक्त हुआ देश का पांचवा राज्य, स्वास्थय मंत्री ने की पुष्टि विशाखापट्टनम हादसे पर पीएम मोदी की आपात बैठक जारी, गृह मंत्री शाह भी मौजूद इस मामले में योगी सरकार को हाईकोर्ट से मिली राहत