अजमेर: भारत देश एक पूण्यभूमि हैं, यहाँ ऐसे कई तीर्थ स्थान है जहाँ हर धर्म के लोग आस्था के साथ जाते है, ऐसा ही एक तीर्थ स्थान है अजमेर शरीफ़ दरगाह . कहा जाता है की अजमेर दरगाह में आप जो भी मन्नत मागते हो वो पूरी हो जाती है. यह दरगाह ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है. जहाँ कल से 806वें उर्स का भव्य आगाज़ किया जाएगा. इसी के चलते आज सुबह 4 बजे साल में एक बार खुलने वाले जन्नती दरवाज़े को खोला गया, इस दरवाजे के बारे में मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु इस दरवाजे से होकर गुजरता है उसे जन्नत नसीब होती है. चांद दिखने के बाद ख्वाजा गरीब नवाज का 806वें उर्स 19 मार्च से विधिवत रूप से शुरू हो जाएगा. इस अवसर पर प्रतिवर्ष भारी संख्या में भीड़ उमड़ती है, इसी बाट को मद्देनज़र रखते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे ने कमर कस ली है, रेलवे ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष ट्रेनें चलाने का भी प्रबंध किया है. साथ ही आगंतुकों के भोजन के लिए रेलवे स्टेशन पर 15 रूपए में भरपेट भोजन की व्यवस्था भी की गई है. इस बार उत्तर पश्चिम रेलवे ने ना केवल अजमेर स्टेशन पर खास तरह के इंतज़ाम किये है बल्कि अजमेर मंडल के रेलवे स्टेशनों पर भी यात्रियों के पहुंचने के लिए बरौनी से मदार तक उर्स स्पेशल रेलगाड़ी का संचालन किया जा रहा है. हिन्दू-मुस्लिम एकता एवं विश्व शांति की प्रतीक इस दरगाह में आपसी भाई चारे की सबसे बड़ी पहचान यह है, कि महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चढ़ाए जाने वाले फूल हिन्दू धर्मस्थल पुष्कर से आते हैं तो पुष्कर पर चढ़ाई जाने वाली पूजा सामग्री की खीलें दरगाह ख्वाजा साहब के बाजार से ही जाती हैं. अजमेर दरगाह सचिव के मुंह पर कालिख पोतने का वीडियो वायरल दिल को लुभाती है अजमेर शहर की खूबसूरती अपने भ्रमण के समया यहां रुके थे भगवान शिव और माता दुर्गा