इन दिनों सबसे अधिक सुर्ख़ियों में अगर कुछ है तो वह है रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (Russia Ukraine War)। दोनों के बीच की जंग को 13 दिन हो रहे हैं। आप जानते ही होंगे रूस की सेना रिहाइशी इलाकों में हमले कर रही है। वहीं दूसरी तरफ राजधानी कीव (Kyiv) पर कब्जा करने के लिए लगातार बमबारी हो रही है। वहीं इस बीच कई यूक्रेनी नागरिकों ने अपने देश की सुरक्षा के लिए बंदूकें उठा ली है और और जंग के मैदान में उतर गए हैं। जी हाँ और देश के लिए मर मिटने का जज्बा बुजुर्गों में भी साफ़ नजर आ रहा है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जंग शुरू होने के बाद से यूक्रेन में आधे मिलियन से अधिक देश छोड़ चुके हैं। जी हाँ और इसी लिस्ट में चोमोनिन गांव की 80 वर्षीय दादी पिरोस्का बक्सा भी शामिल हैं, जो लड़ाई से बचने के लिए 7 घंटे तक पैदल चलीं। जी हाँ, साल 1942 में जन्मी पिरोस्का बक्सा ने बीते सोमवार को अपनी बेटी और 14 वर्षीय पोती के साथ हंगरी की सीमा पार की। खबरों के मुताबिक, शुरुआत में वह अपना देश, अपना घर छोड़ने के लिए राजी नहीं हो रही थीं लेकिन परिवार की सुरक्षा को देखते हुए वह मान गईं। पिरोस्का बक्सा का कहना है “मुझे लगा कि मुझे किसी भी कीमत पर देश नहीं छोड़ना चाहिए। आपको अपना घर, सब कुछ छोड़ना होगा, ये बेहद दुखद अहसास होता है।” इसी के साथ वह आगे कहती हैं, ''मेरी बेटी के पास एक कुत्ता है, लेकिन हमें उसे छोड़ना पड़ा। उसके साथ रहने वाला कोई नहीं है। सब घरबार छोड़कर जान बचाने के लिए भाग रहे हैं।'' 200 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी पेट्रोल-डीजल की कीमत, रूस की धमकी! रूस-यूक्रेन वार्ता का तीसरा दौर बिना किसी महत्वपूर्ण परिणाम के संपन्न हुआ विश्व बैंक ने यूक्रेन के लिए 723 मिलियन अमरीकी डालर की सहायता को मंजूरी दी