नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने बाजार में नकदी संकट को समाप्त करने के लिए कई तरह के कदम उठा रही है। इसी कड़ी में सरकार ने बाजार मे मांग की कमी को दूर करने के लिए देश के कई जिलों में बैंकों द्वारा लोन मेला आयोजित करवाया। यह 1 अक्टूबर से शुरू किया गया था। वित्त मंत्रालय ने बताया कि लोन मेले में 9 दिनों के दौरान 81,781 करोड़ रुपये के कर्ज बांटे गए। वित्तीय सचिव द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक की है, जिसमें अर्थव्यवस्था में तेजी लाने को लेकर चर्चा की गई। साथ ही वित्त सचिव ने बताया कि नए एंटरप्रेन्योर्स को 34,342 करोड़ रुपये मुहैया कराए गए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया है कि बैंकों के पास पर्याप्त नकदी भंडार है। साथ ही उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को पैसा देने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि बैंकों को निर्देश दिये जा रहे हैं कि वे छोटे उद्योगों को नकदी उपलब्ध कराएं। इसके अतिरिक्त निर्देश दिये जा रहे हैं कि लघु और बड़े उद्योगों को कर्ज वापस करने पर ब्याज में छूट मिले। बड़े उद्योगों द्वारा कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में दाखिल किये गए रिटर्न के मुताबिक, एमएसएमई सेक्टर को 40,000 करोड़ रुपये मिलना बकाया हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि दिवाली तक एमएसएमई को भुगतान सुनिश्चित करने को लेकर सभी प्रयास किये जा रहे हैं। बता दें कि बाजार में मांग में कमी होने के कारण कई कंपनियों ने उत्पादन गतिविधियां ठप कर दी हैं। एथनॉल का बड़ा हिस्सा निगल रही शराब कंपनियां, ये राज्य सरकारें हैं इन पर मेहरबान ईरान के राष्ट्रपति ने कसा अमेरिका पर तंज, कहा- 'हम पर प्रतिबंध लगाकर अपराध...' मूडीज के बाद इस संस्था ने भी घटाए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान