उज्जैन : आगामी वैशाख शुक्ल पूर्णिमा 10 मई को सिंहस्थ के 10 में से 9 महायोग निर्मित हो रहे हैं। ये हैं- अवन्तिका क्षेत्र, वैशाख मास, शुक्ल पक्ष, मेष का सूर्य, तुला का चन्द्र, स्वाति नक्षत्र, व्यतिपात योग, पूर्णिमा तिथि तथा यद्यपि सिंह राशि में गुरु स्थित नहीं है तथापि इस दिन कन्या राशि का बृहस्पति सिंह राशि के नवमांश में रहेगा, जिससे यह 9वाँ योग भी अंशत: बन जाता है, केवल सोमवार नहीं है। सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. आनंदशंकर व्यास ने बताया कि प्रति वर्ष वैशाख शुक्ल पूर्णिमा तीर्थ स्नान, दान-तप, व्रतादि धार्मिक कृत्यों व भौतिक उपलब्धियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि है। गत वर्ष सिंहस्थ वि.सं. 2073 का बुद्ध पूर्णिमा को शाही स्नान के साथ ही समापन हो गया था, जिसमें लाखों धर्मालुओं ने शिप्रा के अनेक नवनिर्मित घाटों पर स्नान व दान कर पुण्य अर्जित किया। पं. व्यास ने बताया कि 10 महायोगों के समाहार पर सिंहस्थ अवन्तिका में घटित होता है, जबकि गत वर्ष केवल 6 महायोग ही थे, जिनमें मुख्य था सिंह राशि में गुरु का स्थित होना। संवत् 2072 (सन् 2015) में वैशाख शुक्ल पूर्णिमा पर सिंह राशि में गुरु को छोड़कर सभी 9 योग प्राप्त थे। अवन्तिका तीर्थ में प्रमुख घाटों पर स्नान व दान के लिए वैशाखी पूर्णिमा विशिष्ट योग उपस्थित करती है। पं. व्यास के अनुसार मोहिनी एकादशी (दि. 6 मई) से इस पर्व को विशेष रूप से मनाना चाहिए, क्योंकि भगवान् विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके देवताओं को अमृतपान कराया था। स्कंद पुराण के अनुसार देवासुर-संग्राम का समापन उज्जयिनी में ही हुआ था। इस महनीय पूर्णिमा पर्व पर यदि साधु-संतगण अपने अनुयायियों सहित तथा धर्मप्रेमी उज्जैनवासी सपरिवार शिप्रा स्नान हेतु आते हैं तो सिंहस्थ वि.सं. 2073 की पहली जयंती के रूप में वैशाख पूर्णिमा चरितार्थ होगी। स्वर्णिम भारत मंच ने चलाया नशा मुक्ति अभियान माँ नर्मदा को नुकसान पहुँचाने वाले सभी कार्यों पर लगेगा प्रतिबंध मुख्यमंत्री चौहान ने विवाह की वर्षगांठ पर महाकाल का अभिषेक किया