देहरादून : उत्तराखंड में एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है दरअसल कांग्रेस के 9 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में वाद चल रहा था। इस पर न्यायाधीशों ने निर्णय दिया है और कहा है कि इन बागी विधायकों की सदस्यता रद्द रहेगी। इसके अनुसार ये विधायक सरकार के लिए कल होने वाले बहुमत परीक्षण में वोटिंग नहीं कर पाऐंगे। सर्वोच्च न्यायालय के पर्यवेक्षकों की निगरानी में मंगलवार को बहुमत परीक्षण होगा। जिसमें 61 विधायकों द्वारा हाथ उठाकर समर्थन जताया जाएगा। मुख्यमंत्री हरीश रावत को सरकार बचाने के लिए समर्थन हासिल करना होगा। ऐसे में भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है। तो दूसरी ओर कांग्रेस के लिए अच्छी बात है। सदस्यों की सदस्यता बहाली का मामला दल बदल कानून के तहत एक बार फिर स्पीकर के पास चला गया है। उल्लेखनीय है कि 9 बागी विधायकों ने स्पीकर द्वारा सदस्यता रद्द किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में सदस्यता रद्द होने के बाद अब बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। अब दोपहर 2 बजे सर्वोच्च न्यायालय दोनों पक्षों को लेकर सुनवाई करेगी। सीटों का गणित : बागी विधायकों की सदस्यता रद्द होने के बाद अब विधानसभा में विधायकों की संख्या 61 हो गई है. ऐसे में कल शक्ति परिक्षण के दौरान बहुमत साबित करने के लिए 31 विधायकों की जरुरत होगी. ऐसे में कगरी के लिए सत्ता में वापसी की उम्मीदें बाद गई है. बता दे कि इस समय कांग्रेस के पास 27 विधायक, बीजेपी के पर 28 विधायक है, जबकि 6 अन्य विधायक है. इन अन्य विधायकों का समर्थन कांग्रेस को है, ऐसे में कल हरीश रावत की सरकार बनने का रास्ता आसान हो गया है.