जयपुर: राजस्थान के जोधपुर जिले में ईद से एक दिन पहले दो समुदायों के बीच हुई हिंसा के बाद तनाव व्याप्त है. मामले में अब तक 97 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है. वहीं, अगले आदेश तक इंटरनेट सेवा भी अस्थाई रूप से बंद कर दी गई है. हिंसक झड़पों में 4 पुलिसकर्मियों समेत 16 जख्मी लोगों का उपचार जारी है. दोनों पक्षों के लोगों को चोट आई है. जिले में भारी पुलिस बल तैनात हैं. जानकारी के अनुसार , स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन की सहायता भी ली जा रही है. बता दें कि विवाद झंडे और लाउडस्पीकर लगाने को लेकर शुरू हुआ था. जोधपुर के जालोरी गेट चौराहे पर परशुराम जयंती के अवसर पर सर्किल पर भगवा झंडे और बैनर लगाए गए थे. ईद की पूर्व संध्या पर समुदाय विशेष के लोगों ने पुराने झंडे-बैनर हटाकर वहां अपने ध्वज और लाउडस्पीकर लगा दिए. साथ ही स्वतंत्रता सेनानी बाल मुकुंद बिस्सा की प्रतिमा से बांधकर एक बड़ा-सा धार्मिक ध्वज फहरा दिया. झंडे हटाने का वीडियो वायरल होने के बाद पथराव और तोड़फोड़ की वारदातें हुईं. अगले दिन ईद की नमाज के बाद भी पथराव हुआ. हिंसा के बाद जारी तनाव के बीच राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने मार्मिक अपील की थी. उन्होंने जोधपुर के लोगों से कहा कि उन्हें किसी भी कीमत पर विवाद नहीं करना है. सीएम गहलोत ने कहा कि, 'जोधपुर में पैदा हुआ तनाव दुर्भाग्यपूर्ण है. राजस्थान और मारवाड़ की परंपरा रही है कि यहां सभी समाज के तमाम धर्मों के लोग प्रत्येक त्यौहार पर प्रेम-भाईचारे से रहते आए हैं. मैं आग्रह करना चाहूंगा कि तमाम लोग शांति बनाए रखें और तनाव खत्म करें, क्योंकि ये तनाव, हिंसा का माहौल जोधपुर के लोगों के हित में नहीं है.' फ़ोर्मेंटा इंटरनेशनल शतरंज में गुकेश ने बनाई बढ़त कर्फ्यू के बाद भी जलता रहा जोधपुर, ईद की नमाज़ के बाद सड़कों पर उतरी मुस्लिम भीड़, घरों पर फेंकी तेज़ाब की बोतलें डेनमार्क में हुआ PM मोदी का भव्य स्वागत, PM मेटे के साथ कई वैश्विक मुद्दों पर हुई चर्चा