रायपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ एक बड़े अभियान में सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को भीषण मुठभेड़ के दौरान 31 नक्सलियों को मार गिराया। यह घटना राज्य के गठन के बाद माओवादियों के खिलाफ की गई किसी एक कार्रवाई में सबसे बड़ी संख्या में मारे जाने की घटना है। इससे पहले पांच महीने पहले कांकेर जिले में एक मुठभेड़ में 29 नक्सलियों को मारा गया था। पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ नारायणपुर-दंतेवाड़ा सीमा पर थुलथुली और नेंदुर गांवों के बीच जंगल में हुई। इस दौरान एक ग्रेनेड से हुए विस्फोट में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का एक जवान घायल हो गया। इस अभियान में डीआरजी, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और अन्य सुरक्षा इकाइयों के जवान शामिल थे। अभियान की शुरुआत गुरुवार को तब हुई जब खुफिया रिपोर्टों में माओवादी नेताओं, जिनमें कमलेश, नीती, नंदू और सुरेश सलाम शामिल हैं, के इलाके में छिपे होने की जानकारी मिली। यह क्षेत्र माओवादी इकाइयों जैसे इंद्रावती क्षेत्र समिति, पीएलजीए कंपनी नंबर 6 और प्लाटून 16 का गढ़ माना जाता है। अब तक 31 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, और ऐसी संभावना है कि और भी माओवादी मारे गए हों। सुरक्षा बलों ने बड़ी मात्रा में हथियार भी जब्त किए हैं, जिसमें एक एके-47, एसएलआर, इंसास राइफल, एलएमजी, और .303 राइफल शामिल हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुरक्षा बलों की बहादुरी की सराहना की और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को और तेज करने की बात कही। इस साल बस्तर क्षेत्र में अब तक विभिन्न अभियानों में 185 माओवादी मारे जा चुके हैं, जिनमें दंतेवाड़ा और नारायणपुर जैसे जिले प्रमुख हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही कहा था कि भारत का लक्ष्य मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद से पूरी तरह मुक्त होना है। कुपवाड़ा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकियों को भारतीय सेना ने किया ढेर पीएम मोदी का मंदिर बनवाने वाले मयूर मुंडे ने क्यों छोड़ी भाजपा ? साइंटिस्ट को डिजिटल अरेस्ट कर शख्स ने ठगे 71 लाख, ऐसे खुली पोल