शुक्र को अक्सर पृथ्वी का जुड़वां ग्रह कहा जाता है। इसका कारण है कि यह आकार में पृथ्वी के लगभग बराबर है और दोनों ग्रहों की संरचना में भी कई समानताएं हैं। शुक्र और पृथ्वी दोनों ही चट्टानी ग्रह हैं और इनकी सतह पर ज्वालामुखी भी पाए जाते हैं। हालांकि, दोनों के विकास में काफी अंतर आया है। शुक्र पर एक दिन पृथ्वी के 8 महीने के बराबर होता है: शुक्र पर समय का अनुभव कुछ अलग ही होता है। शुक्र ग्रह पर एक दिन पृथ्वी के 243 दिनों के बराबर होता है। इसका मतलब है कि शुक्र पर एक दिन पृथ्वी के लगभग 8 महीने के बराबर होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि शुक्र अपनी धुरी पर बहुत धीरे-धीरे घूमता है। इसका घूर्णन इतना धीमा है कि उसका एक पूरा दिन पृथ्वी के लगभग एक साल के बराबर होता है। शुक्र: सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह: शुक्र को सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह माना जाता है। इसकी सतह का तापमान 475 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जो कि जीवन के लिए अत्यधिक गर्म है। इसका मुख्य कारण शुक्र के वायुमंडल में भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड का मौजूद होना है। यह कार्बन डाइऑक्साइड ग्रीनहाउस प्रभाव पैदा करता है, जिससे ग्रह का तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है। वायुमंडल और दबाव: शुक्र का वायुमंडल बहुत घना है और कार्बन डाइऑक्साइड से भरा हुआ है। इस वजह से, इसका वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी के मुकाबले 90 गुना ज्यादा है। इतनी अधिक दबाव वाली स्थितियों में जीवन की संभावनाएं काफी कठिन हो जाती हैं, लेकिन वैज्ञानिक अभी भी इसकी गहराई से जांच कर रहे हैं। शुक्र ग्रह का कोई चंद्रमा नहीं है: शुक्र के पास कोई चंद्रमा नहीं है, जो इसे अन्य ग्रहों से अलग बनाता है। इसके अलावा, शुक्र पर तेज़ हवाएं भी चलती हैं और वहां का वातावरण बहुत खतरनाक है। शुक्र की सतह पर स्थितियां इतनी कठोर हैं कि वहां पहुंचना और वहां से डेटा इकट्ठा करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। शुक्र का अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण है?: शुक्र ग्रह का अध्ययन करने से हम पृथ्वी के बारे में अधिक जान सकते हैं। क्योंकि दोनों ग्रहों की संरचना में काफी समानताएं हैं, इसलिए शुक्र की परिस्थितियों का अध्ययन करके हम यह समझ सकते हैं कि अगर पृथ्वी के वातावरण में बदलाव होते हैं तो उसका भविष्य कैसा हो सकता है। यह ग्रह पृथ्वी का भविष्य देखने का एक अद्भुत उदाहरण हो सकता है। शुक्र पर नए खोज: हाल के वर्षों में वैज्ञानिकों ने शुक्र ग्रह के बारे में कई नए तथ्य खोजे हैं। उन्होंने पाया है कि शुक्र की सतह पर ज्वालामुखी लगातार सक्रिय रहते हैं। इसके अलावा, शुक्र के वायुमंडल में कुछ ऐसे रसायनों की पहचान की गई है, जो जीवन के संकेत हो सकते हैं। हालांकि, यह खोज अभी प्रारंभिक अवस्था में है और इस पर अधिक शोध की आवश्यकता है। 'खरीफ-रबी की फसलों में अंतर भी जानते हैं राहुल..', MSP पर अमित शाह का हमला 'तीन पीढ़ियां भी 370 वापस नहीं ला सकेंगी..', कांग्रेस-NC पर अमित शाह का हमला अमिताभ पर लगा ऐश्वर्या काे नजरअंदाज करने का इल्जाम, सिमी ग्रेवाल के कमेंट ने मचाई-खलबली