कबीट एक खट्टा-मीठा फल है, आयुर्वेद में कबीट को पेट रोगों का विशेषज्ञ माना गया है. आयुर्वेदिक चिकित्सक कबीट के गूदे को तरोताजगी प्रदान करने वाला मानते हैं. कबीट कुछ कुछ बैल फल जैसा होता है. कबीट दो प्रकार के होते हैं – छोटा कबीट और बड़ा कबीट. छोटा कबीट आकार में छोटा होता है और बहुत खट्टा होता है तथा बड़ा कबीट का आकार बड़ा होता है इसका गुदा खट्टे पन के साथ-साथ मीठा होता हैं,अपने चटपटेपन के कारण ये शरबत,जेम, जेली, मुरबा,चटनी आदि में बहुत प्रयोग होता है. कबीट के अन्य फायदे:- 1 कबीट के 100 ग्राम गूदे में 140 कैलोरी के बराबर कार्बोहाइड्रेट 31 ग्राम और प्रोटीन 2 ग्राम पाई जाती है. इसमें विटामिन ए,बी और सी भी पाया जाता. 2 कच्चे कबीट में एस्ट्रीजेंट्स होते हैं जो मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद साबित होते हैं. 3 डायरिया और डीसेंट्री के मरीजों के इलाज में मुफीद माना जाता है. 4 मसूड़ों तथा गले के रोग भी इससे ठीक होते हैं 5 कबीट की चटनी बनाई जाती है, जो अम्ल पित्त में औषधी का काम करती है. 6 कबीट का शरबत भी बनाया जाता है जो पेट के लिए बहुत लाभदायक है. 7 कबीट के सेवन से डायरिया और दस्तों में आराम मिलता है. 8 कबीट के गूदे से अच्छी जैली बनाई जाती है, कबीट भूख को बढाता है. 9 कबीट हाजमा सही रखता है .