लॉकडाउन में छूटा रोज़गार, तो युवक ने भगवान पर उतारा गुस्सा, मंदिर पर किया हमला

नई दिल्ली: विश्व में जारी कोरोना संकट ने करोड़ों लोगों से उनकी रोज़ी-रोटी छीन ली है। कोरोना से बचने के लिए भारत में लागू किए गए लॉकडाउन से भी लोगों को बहुत समस्या का सामना करना पड़ा था। एक साल बाद भी लोग उससे बाहर नहीं आए हैं। रोजगार खत्म होने से तंग आकर एक युवक ने दिल्ली पश्चिमपुरी में एक मंदिर पर हमला कर दिया। उसका आरोप था कि भगवान की वजह से ही उसका रोजगार बंद हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 28 साल का विक्की नाम का युवक बीते कुछ समय से रोजगार संकट से जूझ रहा था। लॉकडाउन से पहले वो कबाड़ी का काम करता था, किन्तु कोरोना महामारी के संकटकाल में उसका धंधा बंद हो गया। जिसके बाद उसने भगवान से कहा था कि तुमने मुझे भिखारी बना दिया इसका बदला अवश्य लूंगा। भगवान से बदला लेने के मकसद से ही उसने मंदिर पर हमला कर दिया और मूर्तियों को इधर-उधर फेंक दिया।

सुबह जब पुजारी पूजा करने के लिए मंदिर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि मंदिर के खुले हिस्से में रखी भगवान शिव की दो प्रतिमाएं अपनी जगह पर नहीं है। साथ कुछ अन्य प्रतिमाएं भी छतिग्रस्त है। मंदिर प्रांगण में ईंट और पत्थर बिखरे हुए हैं। पुजारी ने घटना की सूचना पुलिस को दी, जांच में पुलिस ने घटना के पीछे विक्की को जिम्मेदार ठहराया है। 

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