मुंबई। भला कोई अपनी ही आत्महत्या को लेकर लोगों को निमंत्रण पत्र भेजता है और कहता है कि आईए कवर कीजिए। मगर प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के पूर्व डायरेक्टर सुनील शर्मा के हालात कुछ ऐसे ही हैं। उन्होंने अपने आपको निराश नमोभक्त बताते हुए कहा है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो फिर वे 20 मार्च की शाम 6 बजे आत्महत्या कर लेंगे। इसके लिए उन्होंने मुंबई से सटे पूर्व थाणे के मीरा रोड़ के पास ब्राडवे एवेन्यू के शिव मंदिर के क्षेत्र को चुना है। उनका आरोप है कि इस तरह की योजना के अंतर्गत मार्च 2017 के अंतर्गत भारत के 630 जिलों में जेनरिक दवाओं की दुकानें 3 हजार की तादाद में खोलने की बात कही गई थी मगर सरकार की ओर से केवल 800 दुकानें ही खुलवाई गईं इसके बाद प्रयास सिफर रहे। दरअसल इस परियोजना के तहत महज ढाई करोड़ रूपए का व्यय विज्ञापन के माध्मय से दुकान खोलने केा लेकर दिए गए। इसके बाद जन हितकारी योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी व्यथा पोस्ट की है साथ ही इस मामले में लातफीताशाही, भ्रष्टाचार और उदासीनता को लेकर कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना था कि जब उन्होंने परियोजना पर कार्य न होने को लेकर सवाल किए तो 28 फरवरी 2017 को उन्हें निलंबित कर दिया गया। सारण में पंजाब नेशनल बैंक से लुटे 6 लाख रुपए भाई गांव गया, सहेली कोचिंग, फिर फ्लैट में अकेली लड़की ने किया ऐसा 25 लाख की लूट के मामले में आप पार्टी ने कहा, आरोपी से कोई नाता नहीं