चेन्नई: तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में त्रिची रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल में गुरुवार रात भीषण आग लगने से दर्दनाक हादसा हो गया। इस घटना में सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक बच्चा और तीन महिलाएं शामिल हैं, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। आग लगने के बाद अस्पताल में अफरातफरी का माहौल बन गया। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और प्रशासन की टीमों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। रात करीब नौ बजे शॉर्ट सर्किट की वजह से अस्पताल परिसर में आग लग गई। यह आग तेजी से फैलकर अस्पताल के सामने वाले हिस्से को अपनी चपेट में ले गई। आग लगने के समय अस्पताल के अंदर 50 से अधिक लोग मौजूद थे, जिनमें मरीज, तीमारदार, और मेडिकल स्टाफ शामिल थे। आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। धुएं से प्रभावित लोगों को तुरंत सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल और आसपास के निजी अस्पतालों में शिफ्ट किया गया। आग बुझाने की कोशिशें जारी रहीं, लेकिन धुएं और आग की तीव्रता ने स्थिति को और अधिक गंभीर बना दिया। इस दौरान सात लोगों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि घायलों का इलाज जारी है। हादसे की सूचना मिलने पर डिंडीगुल के जिला कलेक्टर पूंगोडी और एसपी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य की निगरानी की। अस्पताल के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया, ताकि राहत कार्य में बाधा न आए। फायर ब्रिगेड की टीम आग पर काबू पाने की कोशिश में जुटी रही। इस दौरान कई मरीजों और तीमारदारों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। हालांकि, आग की लपटें और धुएं के कारण कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत एंबुलेंस के जरिए नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इस हादसे में मरने वालों में एक बच्चा और तीन महिलाएं शामिल हैं। बाकी मृतकों की पहचान की जा रही है। वहीं, घायल हुए 20 से अधिक लोगों का इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों ने गंभीर रूप से झुलसे मरीजों की हालत को देखते हुए तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया। अस्पताल के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई है, और लोग अपने परिजनों की स्थिति जानने के लिए परेशान हैं। पुलिस ने घटनास्थल को घेर लिया है और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। वहीं, आग की वजह से अस्पताल को काफी नुकसान पहुंचा है। शॉर्ट सर्किट को इस हादसे का संभावित कारण माना जा रहा है, लेकिन विस्तृत जांच के बाद ही घटना के सही कारण का पता चल सकेगा। इस हादसे ने अस्पताल में सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया है। प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। यह हादसा न केवल डिंडीगुल, बल्कि देशभर के लिए एक चेतावनी है कि चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। जब संसद पर पाकिस्तानी आतंकियों ने किया हमला, भरा नहीं है 23 साल पुराना जख्म HAL के साथ भारतीय वायुसेना ने की 13500 करोड़ की डील, मिलेंगे ये जबरदस्त लड़ाकू-विमान जब रक्षक ही बन जाए भक्षक..! ACP मोहसिन खान ने किया हिन्दू छात्रा का बलात्कार