सोनम गुप्ता की बदनामी आज इंटरनेशनल हो गई है। जिस भी आशिक ने खुन्नस में बदनाम करने की कोशिश की उसे मालूम नहीं था कि सोनम गुप्ता की छोटी सी भूल सरहद पार चली जाएगी। सोशल मीडिया के महाअज्ञानी लोग, आम-तमाम वेबपोर्टल, फेसबुक इंस्टाग्राम, ट्वीट्र, लिंकडइन, वाट्सएप्प यहां तक टीवी मीडिया पर सोनम की बदनामी के चर्चे ट्रंप की महाजीत से भी बड़ी हो गई। ऐसे मंे सोशल मीडिया की शायरी बिरादरी सोनम की खिदमत करने में कहां पीछे थी। हिंदी गजल के सख्त हस्ताक्षर अदम गोंडवी साहब की गजल का रूपांतरण सोनम को बदनाम करने के लिए काफी होगी- चने भूने प्लेट में देसी दारू गिलास में बेचारी! सोनम बदनाम हुई मोदीजी के राज में। बदनामी का हम जश्न मनायें तो किस तरह एक सदी से घूम रहे सोनम गुप्ता की तलाश में। सोनम के पास अब भी एक सबूत है वफाई का यह बात मैं कह रहा हूं पूरे होशो-हवास में। सोशल मीडिया पर चाहे उसे बदनाम कर दें पर कई सोनम रहती है हर घर के पास में। सोशल मीडिया के दो टकें के शायर यहीं रूकते वह इस बदमानी को बैंक में लगती लाईन से भी जोड़ते है। आगे लिखते है यह महाशायर- ‘‘न जाने क्यों सोनम गुप्ता अक्के मुल्क में बदनाम है, वो भी तब जब लोगों को बैंक में भी बहुत काम है।’’ वैसे, तो बशीर बद्र साहब की गजलें मशहूर है। ट्रक के पीछे उनके शेर हमेशा लिखें रहते हैं। पढ़े, बशीर साहब की एक फेमस गजल का सोनम गुप्ता रूपांतरण- कभी तो वो आसमां से उतरे और जाम हो जाये सोनम गुप्ता के नाम एक खूबसूरत शाम हो जाये उजाले सोनम की बेवफाई के अपने साथ रखना न जाने किस गली 10 का कद्र आम हो जाये। दुश्मनी जमकर करों मुझे बदनाम करने वाले, पर ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोबारा दोस्त हो जाएं तो शर्मिन्दा न हो। फराज के शेर का सोनम गुप्ता रूपांतरण- रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ! सोनम आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ! सोनम जब सोनम को बदनाम करने वालों की संख्या बहुत है ऐसे में सोनम गुप्ता के सपोर्ट में यह गजल सोनम की वफाई के लिए पर्याप्त दस्तावेज है। पढ़े, गजल- सोनम कहती है कि मैंने कहा था न कि- इससे पहले की सोनम बेवफा हो जाएं ये दोस्त क्यूं न हम जुदा हो जाएं। (किसी व्यक्ति विशेष पर कमेंट नहीं है। यह केवल सोशल मीडिया के रवैये पर एक व्यंग्य है।)