उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन से महिला द्वारा एक पॉश क्षेत्र में स्थित घर के बाहर से गमले चुराने की घटना सामने आई है। महिला की यह हरकत वहां लगे CCTV कैमरे में कैद हो गई, जो अब वायरल हो रही है। CCTV फुटेज के अनुसार, गमले चोरी करने की यह घटना सोमवार 17 जून की प्रातः 7:20 बजे की है। विशेष बात यह है कि, जिस मकान के बाहर से गमले चोरी होते हुए नजर आ रहे हैं उसके ठीक पीछे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव का भी एक मकान है। हालांकि, अब मोहन यादव अब वहां रहते नहीं है। प्राप्त खबर के मुताबिक, उज्जैन शहर के पॉश इलाके में गमला चोरी करने की घटना सामने आई है। जहां एक बेखौफ महिला घर के बाहर रखें पौधा लगाने वाले गमलों को चुराकर ले जाती हुई नजर आ रही है। सोशल मीडिया पर गमले चोरी करती महिला का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो 17 जून की सुबह 7 बजे के बाद का है, जहां महिला मुंह पर कपड़ा बांधकर इलेक्ट्रिक बाइक वाहन से घर के पास पहुंचती है तथा स्कूटी दूर खड़ी कर एक-एक कर दो गमले चुराकर ले जाती है। कहा जा रहा है कि चोरी किए गए गमले की कीमत लगभग 2 हजार रुपये के करीब है और पौधा 21 सौ रुपये का है। मकान मालिक देवनानी परिवार ने बताया कि हमारा घर पॉश क्षेत्र दशहरा मैदान के राजस्व कॉलोनी में है। घर के सामने ही पुलिस परिवार रहता है तथा घर के पीछे सीएम का मकान है। परिवार ने बताया कि चोरी हुए गमले सिरेमक नाकस्सी चीनी पोट डेकोरेटिव हैं, जो मेरी बेटी इंदौर से लेकर आई थी और उसमें एक पौधा लगाया था, जो सरलता से नहीं मिलता है। यह पौधा भी 21 सौ रुपये में लिया गया था। परिवार ने बताया- प्रातः 7 बजे के पश्चात् महिला गमला ले जाती नजर आ रही है, जबकि प्रातः 6 बजे के पश्चात् घर के ऊपर बने फ्लोर पर मेरी पत्नी योगा क्लास चलती है तथा लोगों का आना-जाना शुरू हो जाता है। इस मामले में हम पुलिस को एक शिकायती आवेदन देंगे। जिससे आने वाले वक़्त मे किसी तरह की कोई और घटना घटित ना हो। बता दें कि, गमले चोरी करने की यह पूरी घटना वहां लगे एक CCTV में कैद हो गई। हालांकि, स्कूटी दूर खड़ी होने और मुंह पर दुपट्टा लपेटे होने के चलते महिला की अभी पहचान नहीं हो सकी है। 'अगर 0.001% लापरवाही भी हुई है तो..', NEET परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी मजदूरी कर पत्नी को पढ़ाया, पुलिस में नौकरी लगते ही मांगा पति से तलाक, मचा हंगामा बकरीद पर जैन समुदाय ने क्यों खरीदे 127 बकरे ?