नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि फर्जी पैन कार्ड की परेशानी का यदि हल चाहिए तो फिर हमें आधार कार्ड को इसके लिए आवश्यक करना ही होगा। केंद्र सरकार ने आधार कार्ड को सुरक्षित और मजबूत बताया। दरअसल सर्वोच्च न्यायालय में फर्ज पैन कार्ड को लेकर आधार कार्ड की अनिर्वायता बताई है। इस दौरान केंद्र सरकार ने आधारकार्ड को सुरक्षित व मजबूत कहा है। दूसरी ओर यह भी कहा है कि सरकार का निर्णय बेहद असंवैधानिक है। सर्वोच्च न्यायालय में जो याचिका दायर की गई है उसके माध्यम से अधिनियम ए 2017 की धारा 139 की संवैधानिकता को चुनौती प्रदान की गई। पैन कार्ड में आधार की अनिवार्यता को वित्त अधिनियम,2017 के तहत इसे शामिल किया गया है। उन्होंने न्यायालय को कहा कि लगभग 10 लाख पैन कार्ड निरस्त किए गए हैं। सरकार को 113.7 करोड़ आधार कार्ड में कोई भी फर्जीवाड़ा नहीं मिला है। हालांकि इस मामले पर सुनवाई न्यायमूर्तिं एके सीकरी और न्यायमूर्ति एके भूषण की पीठ ने की थी। मगर उन्हें मामले में केंद्र सरकार के बचाव के तहत बताया गया कि लगभग 10 लाख पैन कार्ड ऐसे थे जो कि निरस्त किए गए। दूसरी ओर 113.7 करोड़ आधार कार्ड में से एक फर्जीवाड़े का मसला नहीं था। आधार आतंकियों को धन उपलब्ध करवाने की बात को निरस्त करते हुए कहा गया कि कालेधन पर नियंत्रण करने में आधार कार्ड का महत्व है और इससे इस मामले में काफी रोक लग जाती है। केंद्र की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा कि आधार का उद्देश्य सुरक्षित और मजबूत तंत्र विकसित करना है इस माध्यम से लोगों की पहचान तय हो जाती है और किसी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं हो पाता है। यह भी कहा गया कि विश्व में कहीं भी इस बात का आधार नहीं है कि बायोमैट्रिक प्रणाली से देश की जनता पर 24 घंटे तक माॅनिटरिंग की जा सकती है या नहीं। कुलभूषण जाधव की माता ने पाकिस्तान में लगाई रिहाई की याचिका अस्थिर हो सकता है पाकिस्तान, पनामा पेपर्स मामले में नवाज़ पर फैसला आज मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड ने कहा शरीया कानून में नहीं हो सकता किसी का हस्तक्षेप