नई दिल्ली : सरकार द्वारा नागरिकों को आधार कार्ड उपलब्ध करवाए गए हैं। इस दौरान केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना को चुनौती दी गई। अब यह मामला संविधान पीठ के समीप भेज दिया गया है। मामले में कहा गया है कि वृहदपीठ द्वारा इस मामले में निर्णय लिया जाएगा। इस मामले में कहा गया कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है। दूसरी ओर कहा गया कि न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति सी नागप्पन द्वारा केंद्र की याचिका को स्वीकार कर लिया गया। जिसमें कहा गया कि संविधान पीठ को लेकर निर्णय लेना है। आखिर निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है या नहीं मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने वृहद पीठ के गठन हेतु प्रधान न्यायाधीश HL दत्तू के पास यह मामला भेज दिया। जिसके बाद उन्होंने इसकी समीक्षा की। यही नहीं कहा गया कि निजता के अधिकार की रूपरेखा आखिर क्या होगी। उच्चतम न्यायालय इस मामले में दोपहर 2 बजे सुनवाई करेगा दूसरी ओर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड को एक विकल्प के तौर पर उपयोग किया जाएगा या नहीं या फिर इसकी अनिवार्यता रहेगी। उल्लेखनीय है कि सरकार की सभी योजनाओं में आधार कार्ड को एक पहचान पत्र के तौर पर मान्यता दी गई है तो सब्सिडी को बैंक अकाउंट में सीधे तौर पर स्थानांतरित किए जाने के लिए भी आधार कार्ड को उपयोग में लाया जाता है। केंद्र सरकार ने आधार कार्ड को बेहद महत्वपूर्ण बना दिया है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में कई याचिकाऐं लोगों द्वारा दायर की गई थीं।