नई दिल्ली। आधार कार्ड से संबंधित सभी मसलों और प्राइवेसी राईटस को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में 18 जुलाई व 19 जुलाई को सुनवाई होगी। उक्त सुनवाई करीब 5 जजेस की काॅन्सटीट्युशनल बेच द्वारा की जाएगी इस मामले में मुख्य न्यायाधीश द्वारा कहा गया कि दो दिन में सुनवाई को पूरा किया जाना है। मिली जानकारी के अनुसार अटाॅर्नी जनरल केके वेणुगोपाल व आधार कार्ड को आवश्यक किए जाने के निर्णय को चुनौती दिए जाने वाले पिटीशनर के अभिभाषक श्याम दीवान ने 7 न्यायाधीशों की संवैधानिक बेंच से करवाने की मांग की थी। बीते माह सोशल वेलफेयर योजना हेतु आधार कार्ड को आवश्यक किए जाने के मामले में दो जजेस की बेंच ने निर्णय पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय की 3 जजेस की बेंच द्वारा आधार कार्ड को आवश्यक किए जाने के सरकार के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने से सभी ने इन्कार कर दिया था। मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने आधार कार्ड को बेहद आवश्यक कर दिया। इसके विरूद्ध 3 अलग अलग पिटीशंस सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई थीं। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आॅर्डर में कहा था कि सरकार व एजेंसीज़ द्वारा योजनाओं का लाभ लेने हेतु आधार को आवश्यक न बनाऐं। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केंद्र सरकार को छूट दी गई थी कि एलपीजी सब्सिडी, जनधन योजना और लोक वितरण प्रणाली का लोगों को लाभ देने हेतु उनका आधार कार्ड मांगा जाए। इंश्योरेंस कंपनियों से उनके एजेंट्स के आधार नंबर जमा करवाए जाने को कहा गया है। मिली जानकारी के अनुसार एलपीजी सब्सिडी, फूड सब्सिडी व मनरेगा के अंतर्गत मिलने वाले लाभ आधार कार्ड के माध्यम से मिल रहे हैं। मिली जानकारी के अुसार बैंक अकाउंट के लिए भी करीब 50 हजार रूपए के आर्थिक व्यवहार के लिए आधार कार्ड को आवश्यक कर दिया गया है। गौरतलब है कि बैंक में पहले ही केवायसी लोगों से जमा करवाया गया है। केवायसी फाॅर्म में आधार कार्ड का समायोजन भी होता है। मिली जानकारी के अनुसार देशभर में 110 करोड़ में से करीब 67 करोड़ बैंक अकाउंट को आधार से लिंक कर दिया गया है। मगर इस क्षेत्र में अभी और काम होना है। SC ने की हाईवे डिनोटिफिकेशन पर सुनवाई हरिद्वार से उन्नाव का 100 मीटर का क्षेत्र, NGT ने घोषित किया नो डेवलपमेंट जोन