नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अब्दुल्ला आजम खान की जमानत याचिका पर शीर्ष अदालत में सुनवाई टल गई है. दरअसल, आज इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में सॉलिसिटर जनरल यूपी सरकार की तरफ से पेश नहीं हो सके. दरअसल सॉलिसिटर जनरल किसान आंदोलन मामले में सरकार की पैरवी करने में व्यस्त थे. साथ ही इस मामले में किसी तरह की जल्दबाजी नहीं थी, इसके बाद शीर्ष अदालत ने इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह तक टाल दी. उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के इल्जाम में जेल में बंद समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आजम खान की पत्नी डाक्टर तंजीन फातिमा एवं उनके बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान को फ़ौरन रिहा करने का आदेश दिया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय के इसी फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. बता दें कि अब्दुल्ला आजम खान पर दो जन्म प्रमाण पत्र बनाने का आरोप है. इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अब्दुल्ला आजम की विधायकी निरस्त कर दी है और इस मामले में अब्दुल्ला आजम खान पर और उनके माता-पिता पर भी कार्रवाई हो रही है. बता दें कि अब्दुल्ला आजम पर 2017 के चुनाव में फर्जी प्रमाण पत्र देने का इल्जाम लगा था. अब्दुल्ला के निर्वाचन को चुनौती देते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता काजिम अली ने कहा था कि 2017 में चुनाव के समय आजम खान के बेटे 25 साल के नहीं थे. चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने फर्जी कागजात दाखिल किए थे और झूठा हलफनामा दाखिल किया था. 800 रुपए किलो हुआ मटन, 'बर्ड फ्लू' के चलते कीमतों में जबरदस्त उछाल 14 जनवरी को चीन पहुंचेगी WHO की टीम नकली जीएसटी चालान का मामला में अधिकारियों ने 215 लोगों को किया गिरफ्तार