कोलकाता: कोयला घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता और बंगाल सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी आज सोमवार को पूछताछ में शामिल होने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दिल्ली स्थित कार्यालय पहुंचे. इससे पहले उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में इस समन के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. मगर कोर्ट ने इस पर आज तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद अभिषेक बनर्जी को ED ऑफिस जाना पड़ा. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के कोयला घोटाले में PMLA के तहत मामला दर्ज हुआ था. इसमें ममता बनर्जी के भतीजे और TMC नेता अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजीरा बनर्जी का भी नाम सामने आया था. इसलिए ED ने दोनों को पूछताछ के लिए समन भेजा था. इस समन को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए बनर्जी परिवार ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया था. कहा गया था कि इसमें ED का समन अनावश्यक है. इसके अलावा याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय के 11 मार्च के आदेश को चुनौती दी गई थी. इसमे ED के उनके खिलाफ जारी किए गए समन को निरस्त करने की याचिका खारिज कर दी थी. क्या है कोयला घोटाला ? यह मामला बंगाल की कोयला खदानों से हुई कोयले की तस्करी से जुड़ा हुआ है. इसमें आसनसोल, दुर्गापुर, पुरुलिया, बांकुरा की कोयला खदानों से बड़े पैमाने पर तस्करी किए जाने की बात सामने आई थी. आरोप है कि इन जगहों से अवैध खनन करके कोयला निकालकर उसका अवैध व्यापार किया गया. अनूप मांझी उर्फ लाला को इस तस्करी का सरगना बताया जाता है. इसमें हजारों करोड़ की अवैध कमाई की बात भी सामने आई थी. फिलहाल लाला फरार चल रहा है, उसके ठिकानों पर CBI लगातार छापेमारी कर रही है. CBI ने 2020 के नवंबर में इस संबंध में केस दर्ज किया था. दूसरा आरोपी विनय मिश्रा है. विजय मिश्रा को अभिषेक बनर्जी का बेहद करीबी माना जाता है. विनय भी अभी CBI के शिकंजे से बाहर है. कुछ गवाहों ने रुजिरा का भी नाम लिया था. आरोप है मवेशी तस्करी और कोयला तस्करी के तार एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. हिजाब विवाद में फैसला सुनाने वाले कर्नाटक HC के 3 जजों को क्यों देनी पड़ी Y केटेगरी सुरक्षा ? हिंदुस्तान में 'छत्रपति शिवाजी महाराज' का विरोध क्यों ? मूर्ति लगा रहे लोगों पर भीड़ ने बरसाए पत्थर AIMIM के साथ गठबंधन प्रस्ताव पर शरद पवार ने तोड़ी चुप्पी, शिवसेना पहले ही दे चुकी है जवाब