जम्मू: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बताया कि अनुच्छेद 370 रद्द करने से भी जम्मू-कश्मीर की दिक्कत का हल नहीं निकला है। उन्होंने शनिवार को नागपुर में एक समारोह में कहा कि जम्मू-कश्मीर को खास दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द करने के पश्चात् भी दिक्कत पूरी तरह हल नहीं हुई है। अब भी वहां की आबादी का एक भाग स्वतंत्रता की बात करता है। वही नागपुर में एक पुस्तक विमोचन समारोह के चलते भागवत ने कहा कि समाज को आबादी के इस भाग तक पहुंचना चाहिए जिससे उन्हें भारत के साथ एकीकृत किया जा सके। मोहन भागवत ने कहा कि उन्होंने हाल ही में जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था तथा पाया कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द किए जाने से विकास का मार्ग साफ हुआ है। संघ प्रमुख ने बताया कि बीते माह मुंबई में एक समारोह के चलते उन्होंने देखा कि जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम विद्यार्थियों का कहना था कि वे भारत का भाग बने रहना चाहते हैं तथा अब वे बिना किसी समस्या के भारतीय बने रह सकते हैं। वही मोहन भागवत ने आरोप लगाया कि पहले जम्मू एवं लद्दाख को पक्षपात का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में खर्च होने वाले संसाधनों का 80 फीसदी भाग स्थानीय नेताओं की जेब में चला जाता था तथा व्यक्तियों को कोई फायदा नहीं प्राप्त हो पाता था। उन्होंने दावा किया कि अब इसमें परिवर्तन आया है तथा वहां व्यक्तियों के जीवन में खुशहाली आयी है। इन राशि के लोगों को लाभ देगा रविवार भारत में तबाही मचाने की कोशिश! 200 लोगों के खात्मे का प्लान भारतीय सेना और इंद्राणी बालन फाउंडेशन की संयुक्त पहल, बारामूला में 'डैगर परिवार स्कूल' का उद्घाटन