मुरैना : जिले के राधाकुंड में डूबने से शनिवार की सुबह 10 बजे तीन बच्चों की मौत हो गई। परिजन इलाज की आस में बच्चों को लेकर जिला अस्पताल आए लेकिन डाॅक्टर्स ने चेकअप के साथ ही उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसे को लेकर अस्पताल में दो घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। स्थिति को संभालने के लिए कोतवाली पुलिस को मौके पर आना पड़ा। जिस माँ ने नाजों से बड़ा किया उसे ही बना लिया अपनी हवस का शिकार मंदिर में पूजा करने गए थे बच्चे सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पोरसा क्षेत्र के नगरा सिलावली गांव में रहने वाले बबलू तोमर शनिवार की सुबह 9 बजे कोंडा वाले हनुमान मंदिर पर पूजा करने गए थे। मंदिर चूंकि घर से दूर नहीं था इसलिए बबलू के साथ उनके बडे भाई रामू तोमर के तीन बच्चे अंशुल (8) शैलू (6) व गोलू (4) साल भी चल गए। बबलू मंदिर में पूजा अर्चना करने में तल्लीन रहे तब तक मंदिर परिसर में खेल रहे ये तीनों बच्चे, राधाकुंड की ओर गए और नहाने के मन से उन्होंने उसमें छलांग लगा दी। आत्महत्या के पहले लिखा खत- 'जब आप सब यह लेटर पढ़ रहे होंगे, तब मैं...' इस तरह हुआ दर्दनाक हादसा बताया जा रहा है की राधाकुंड गहरा था इसलिए कूदते ही तीनों बच्चों का दम घुट गया। बबलू तोमर जब पूजा करके मंदिर से बाहर आए तो पाया तो बच्चे गायब हैं। इधर-उधर तलाशी के दौरान बच्चे नहीं मिले तो बबलू को लगा कि भतीजे कहीं घर वापस नहीं चले गए हों। बबलू ने घर जाकर तलाशा तो पता चला कि बच्चे तो घर आए ही नहीं हैं। बबलू लौटकर मंदिर पहुंचा तो पाया कि दो बच्चे मृत अवस्था में राधाकुंड में तैर रहे हैं। बबलू ने परिवार के लोगों को मौके पर बुलाया और घटनास्थल पर भीड जमा हुई तब तक तीसरा बच्चा भी कुंड की तलहटी में से उठकर पानी की तह पर आ गया। नहीं कर पाए बलात्कार तो जलाया जिन्दा फिर हुई इंसानियत शर्मसार, बंदर को देखते ही किया घिनौना काम पति से पैसे ऐंठने के लिर पत्नी ने करवाया अपने ही बेटे का अपहरण