लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. कोरोना वायरस के मरीजों का पता लगाने के लिए जांच को तेज कर दिया गया है. भारत में कोविड-19 का पता लगाने के लिए आरटी-पीसीआर जांच की संख्या शनिवार को 10 लाख के पार पहुंच गई. 'आरोग्य सेतु एप प्राइवेसी के लिए खतरा..., सरकार की मंशा पर राहुल ने फिर उठाए सवाल इस मामले को लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के अधिकारियों ने बताया कि शनिवार शाम तक 10.40 लाख जांचें की जा चुकी हैं. इनमें से 73,709 जांचें शुक्रवार सुबह नौ बजे से शनिवार शाम तक की गई हैं. 31 मार्च तक 47,852 सैंपलों की जांच की गई थी जबकि 30 अप्रैल तक इनकी संख्या बढ़कर 9,02,654 हो चुकी थी. एक मई से शनिवार शाम तक कुल 1,37,346 सैंपलों की जांच की गई है. बंगाल में ममता सरकार के खिलाफ नारेबाजी, घटिया राशन देने का आरोप आपकी जानकारी के लिए बता दे कि शुरुआत में पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की लैब थी और लॉकडाउन लागू होने समय लैबों की संख्या सौ थी. अब आरटी-पीसीआर जांच की सुविधा देशभर की 292 सरकारी लैबों और 97 निजी लैबों में उपलब्ध है. अधिकारियों ने बताया कि आइसीएमआर अब प्रतिदिन 70 हजार जांचें करने की क्षमता तक पहुंच गया है. वही, मालूम हो कि आरटी-पीसीआर में गले और नाक के स्वैब की जांच की जाती है और कोविड-19 की जांच में इसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस जांच में वायरस का शुरुआती दौर में ही पता लगाया जा सकता है. रातोरात कोरोना संक्रमण का आंकड़ा हुआ दुगना, 10 हजार लोग ठीक होकर घर लौटे वर्चुअल सिस्टम से सुनवाई कर दुनियाभर की अदालत से आगे निकला सुप्रीम कोर्ट इंदौर: सामने आई अस्पतालों की लापरवाही, भर्ती नहीं कर रहे एक भी मरीज