वास्तुशास्त्र के अनुसार दिशा का यह ज्ञान मुसीबतें ख़त्म करता है

मानव जीवन की हर समस्या का समाधान शास्त्रों में दिया गया है और ऐसा ही एक ख़ास शास्त्र है जो मानव की तमाम समस्या का समाधान चुटकी में कर देता है यहाँ पर हम बात कर रहे है वास्तुशास्त्र की जी हाँ वास्तुशास्त्र के मुताबिक़ यदि घर की कुछ चीज़े सही न हो तो घर में खुशियाँ जैसे कम होने लगती है या फिर खुशियाँ नहीं आती, वास्तु से घर की खुशियाँ जुडी हुई है, यदि हम अपने घर के कार्यो को वास्तु के मुताबिक़ करेंगे तो घर का माहौल खुशनुमा बना रहेगा और घर के सदस्यों का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा, तो चलिए जानते है वास्तुशास्त्र के मुताबिक़ क्या सही होना चाहिए-

 

आपके घर के किचन में जो भी सदस्य खाना बनाता हो तो खाना बनाते समय उसका मुंह उत्तर दिशा या फिर उत्तर-पूर्वी दिशा या फिर पूर्व दिशा की और होना चाहिए. अगर आपके किचन में सुबह की सूर्य की किरणे आती है तो यह बहुत शुभ होता है.

अगर आपके घर मे बच्चे हों और वह पढ़ाई करते हों तो उन्हें पूर्व दिशा की और मुंह करके पढ़ना चाहिए अगर हो सके तो पढ़ाई कक्ष में सूर्य की किरणे आती हो तो यह बहुत शुभ माना जाता है.

घर का मुख्य दरवाज़ा पूर्व की और होना चाहिए ताकि सुबह की सूर्य की किरणे घर के मुख्य दरवाज़े पर आये, इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और घर में सभी सदस्य के मन में सुविचार आते रहते है.

दूकान या ऑफिस में काम करते समय दुकान या ऑफिस के मालिक का मुंह उत्तर की और होना चाहिए इससे उनको लाभ मिलता है.

वास्तु शास्त्र के मुताबिक़ किसी भी काम की शुरुआत उत्तर की तरफ मुंह करके करना चाहिए, काम में सफलता मिलती है.

घर में जब भी आप पूजा करते है तो आपका मुख पूर्व की और होना चाहिए शुभ माना जाता है.

 

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