एसिड फेंकने वाले दोषी पित-पुत्र को मिली आजीवन कारावास

अपराध के कई मामले आए दिन सामने आते हैं. ऐसे में जो मामला हाल ही में सामने आया है वह कुछ ऐसा है कि सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला पर एसिड फेंककर उसके अंग भंग करने के मामले में दोषी वकील व उसके पिता को आजीवन कारावास तथा 1-1 लाख रु जुर्माने की सजा सुना दी है. खबरों के मुताबिक दोषियों ने एक महिला पर 2014 में मथुरा में एसिड फेंका था और सुप्रीम कोर्ट ने महिला के पति की याचिका पर केस की सुनवाई 2015 में दिल्ली ट्रांसफर कर दी थी. इस मामले में याची का कहना था कि 'आरोपी बेहद रसूखदार हैं और उन्हें धमकी देते रहते हैं. इस कारण वह कोर्ट में पेश नहीं हो पाता.'

वहीं इस मामले में सत्र न्यायाधीश प्रवीन सिंह ने उमेश व उसके पिता हकीम को इस मामले में दोषी ठहराते हुए जेल व जुर्माने की सजा सुनाई और अदालत ने इस मामले में एक अन्य दोषी ज्ञानी को 10 साल कैद व 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. मिली जानकारी के मुताबिक अदालत ने अपने फैसले में कहा 'अभियोजन इस आरोप को साबित करने में कामयाब रहा है कि दोषियों ने 3 जून 2014 की रात करीब आठ बजे पीड़िता पर एसिड फेंका था जिससे वह जल गई थी और उसकी बायीं आंख पूरी तरह नष्ट हो गई थी. इस हमले में पीड़िता के चेहरे का बायां हिस्सा, गर्दन व उसकी छाती का भाग, बायां कंधा भी जल गया था.'

इस मामले में अभियोजन का आरोप था कि, 'जब पीड़िता अपने घर लौट रही थी तो 3 ने दोषियों ने उसे रोककर धमकी दी थी कि उसने उनके खिलाफ प्रताड़ना की शिकायत दायर की है और इसके लिए वह उसे छोड़ेंगे नहीं. इसी दौरान हकीम व ज्ञानी ने महिला को पकड़ा और उमेश ने उस पर एसिड डाल दिया था. इससे महिला का चेहरा खराब हो गया और बायीं आंख की रोशनी पूरी तरह चली गई.' वहीं कोर्ट के सामने पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि 'जलने के कारण उसका पूरा चेहरा विकृत हो गया था. उमेश पेशे से वकील है और उसने यह मुकदमा दर्ज करने पर उसके परिजनों को झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दी थी.'

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