रायपुर: छत्तीसगढ़ में अब नक्सलियों और माओवादियों पर एक्शन शुरू हो चुका है। सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता में सोमवार, 18 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में शुरू किए गए एक विशेष अभियान के दौरान प्रतिबंधित माओवादी संगठन के 10 निचले स्तर के कैडरों को पकड़ा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और बस्तर सेनानियों के जवान शामिल थे, दंतेवाड़ा के बेचापाल क्षेत्र में एक ऑपरेशन पर निकले थे, जहां उन्होंने कुल 10 माओवादियों को पकड़ा। ये सभी माओवादी, सुरक्षा बलों पर हमला करने और वाहन जलाने की घटनाओं को अंजाम देने में शामिल थे। रिपोर्ट के अनुसार, दंतेवाड़ा पुलिस को बेचापाल क्षेत्र में माओवादियों के एक समूह की मौजूदगी के बारे में कुछ जानकारी मिली थी, जिसके बाद एक संयुक्त टीम को स्थान पर भेजा गया था। क्षेत्र में पहुंचने पर, टीम ने लोगों के एक समूह को भागने का प्रयास करते देखा, जिसके बाद कर्मियों ने पीछा किया और चरमपंथियों को पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपी प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) (CPIM) के अलग-अलग फ्रंटल संगठनों के सदस्य हैं, जिनमें दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संघ (DAKMS), जन मिलिशिया और चेतना नाट्य मंडली (CNM) शामिल हैं, जो प्रतिबंधित समूह की एक सांस्कृतिक शाखा है। सुरक्षा बलों द्वारा पकड़े गए कुछ उग्रवादियों के सिर पर इनाम भी है, जबकि उनमें से कुछ कथित तौर पर चरमपंथियों द्वारा किए गए रानी बोदली और भैंसी हमलों में शामिल थे। इसी तरह की एक अन्य खबर में सुरक्षा बलों की एक अलग टीम ने सोमवार को माओवाद प्रभावित सुकमा जिले के सातलोंग गांव में एक माओवादी ढांचे को भी नष्ट कर दिया। यह ढांचा उसी क्षेत्र के पास ध्वस्त किया गया, जहां हाल ही में नक्सलियों ने एक के बाद एक IED विस्फोट किए थे। यह पता चला है कि सुरक्षा बलों द्वारा की गई कार्रवाई पिछले सप्ताह आदिवासी बहुल राज्य में एक के बाद एक माओवादी घटनाओं के बाद सेना द्वारा शुरू किए गए आतंकवाद विरोधी अभियान का हिस्सा थी। बता दें कि नवनिर्वाचित सीएम विष्णुदेव साय ने रविवार (17 दिसंबर) को राज्य में उग्रवाद के प्रसार को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया था। बैठक के बाद सीएम साय ने आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार राज्य में माओवादी विद्रोह को उखाड़ फेंकने के लिए केंद्र सरकार के अनुरूप काम करेगी। सुकमा के जगरगुंडा पुलिस स्टेशन की सीमा के तहत बेदरे शिविर के पास सुरक्षा कर्मियों पर हमले के साथ-साथ बीते पांच दिनों में अलग-अलग स्थानों पर चरमपंथियों द्वारा किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) विस्फोटों की बैक-टू-बैक घटनाओं के मद्देनजर यह बैठक बुलाई गई थी। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह चरमपंथियों द्वारा किए गए तीन बड़े हमलों में CRPF के एक उप-निरीक्षक सहित तीन सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी। रोहिंग्याओं को लाकर जम्मू कश्मीर में कौन बसा रहा ? फर्जी पैन-आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज मिले, पुलिस का एक्शन शुरू 'जो उचित लगे, वो करो..', जब बॉर्डर पर आगे बढ़ रहा था चीन, तब रक्षा मंत्री ने सेना को दे दिया था फ्री हैंड, पूर्व सेनाध्यक्ष ने बताया पूरा किस्सा UP में दिखा CM का खौफ! ‘योगी बाबा मेरी रक्षा करें, अब कभी नहीं करूँगा गोकशी’ लिखी तख्ती टांगकर सरेंडर करने पहुँचा मोहम्मद आलम