बीते वर्षों में अपने कलाकारी का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए लिलिपुट ने बखूबी नाम और शोहरत कमाई लेकिन आज वो काम के मोहताज हो गए हैं. उनके सर पर कर्जदारों का इतना बोझ हो गया है कि उनको अपनी बेटी के घर रहना पड़ रहा है. लिलिपुट का असली नाम एम.एम. फारुखी है और उन्हें 90 के दशक के पॉपुलर कॉमेडी शो 'देख भाई देख' के राइटर के तौर पर जाना जाता है. लिलिपुट के अनुसार वह पिछले पांच वर्षों से कर्ज में डूबे हुए हैं और उन्हें काम मिलने में दिक्कत आ रही है. उन्होंने बातचीत में 1998 में टीवी सीरीज 'वो' में किए गए नॉन कॉमिक रोल को याद किया. "एक अन्य हाइली एजुकेटेड एक्टर ने जोक मारते हुए कहा था कि लिलिपुट का पेजर नंबर भी उनसे लंबा है. इस बार मैंने जवाब दिया था- 'कुछ लोगों की जुबान भी मुझसे लंबी है, अब क्या कर सकते हैं." आगे उन्होंने बताया, "दिसंबर 1975 में जब मैं मुंबई आया तो मैं पहला बौना एक्टर था और मैंने तय कर लिया था कि खुद को ब्रांड बनाऊंगा." लिलिपुट की पॉपुलैरिटी बढ़ने के बावजूद एक असिस्टेंट डायरेक्टर ने चेतावनी देते हुए कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री में वे कभी अपने कद से परे नहीं जा पाएंगे. इसे लेकर आज लिलिपुट कहते हैं, "बाद में मुझे लगा कि वह सही था." लिलिपुट कहते हैं, "एक बार एक प्रोड्यूसर ने पेमेंट के लिए 6 महीने इंतजार कराया था. इसके बाद उसने मुझसे 2 लाख रुपए के बदले 50 हजार रुपए लेकर मामला सेटल करने को कहा. मैंने देखा है कि हॉलीवुड में बौनों को अच्छे रोल मिल रहे हैं. लेकिन इंडिया अभी भी नहीं समझ सकता कि बौने प्यार कर सकते हैं, लड़ सकते हैं, ट्रेवल कर सकते हैं और माइंडगेम भी खेल सकते हैं. हर दिन मैं खुद को एक कलाकार के रूप में बर्बाद होते पाता हूं और इस बात का मुझे बहुत अफ़सोस है." इवेंट में ब्रा लेस दिखी ये अमेरिकन सिंगर Demi बॉडी बनाने के जूनून के चलते ले रहे हैं जान का जोखिम पार्किंग पर लगाकर भूल गया कार, 20 साल बाद आया याद