नई दिल्ली: दुनिया के रईस कारोबारियों में शामिल गौतम अडानी को लेकर सड़क से संसद तक हंगामा मचा हुआ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अडानी पर संगीन आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद पूरी कांग्रेस अडानी और केंद्र की मोदी के खिलाफ हमलावर हो गई है। 'सारे मोदी चोर है' मानहानि मामले में राहुल गांधी को सजा होने और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के 2013 के आदेश के अनुसार, उनकी लोकसभा सदस्यता ख़त्म होने से कांग्रेस आगबबूला है और अधिक तेज तरीके से अडानी और केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है। यहाँ तक कि, संसद के बजट सत्र का एक बड़ा हिस्सा, अडानी मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के चलते बर्बाद हो चुका है। इस बीच अडानी समूह को एक मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अडानी को मिली इस बड़ी सफलता को कांग्रेस पर पहली जीत के रूप में भी देखा जा रहा है। दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार (27 मार्च) को अदाणी पॉवर (Adani Power) की दो सहयोगी कंपनियों के खिलाफ सीमा शुल्क विभाग (Custom Dept) की अपील को ठुकरा दिया है। अडानी पॉवरकी यह दो कंपनियां, अदाणी पॉवर महाराष्ट्र लिमिटेड (Adani Power Maharashtra Ltd) और अदाणी पॉवर राजस्थान महाराष्ट्र ईस्टर्न ग्रिड पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (MEGPTCL) हैं। बता दें कि, कस्टम्स डिपार्टमेंट ने इन दोनों कंपनियों के खिलाफ विदेशों से मंगाए कैपिटल गुड्स को कथित तौर पर अधिक दिखाने को लेकर अपील की थी। कस्टम्स विभाग ने अडानी पॉवर के खिलाफ अपील दाखिल की थी, जिसमें कंपनी पर इंपोर्टेड कैपिटल गुड्स का ज्यादा वैल्यूएशन करने का इल्जाम लगाया गया था। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में पाया कि अडानी पॉवर ने सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (CERC) की तरफ से तय किए गए बेंचमार्क की तुलना में प्रति मेगावाट कम लागत कोट किया था। ऐसे में कंपनी पर कैपिटल गुड्स के इम्पोर्ट में कोई अधिक वैल्यूएशन नहीं लगाया गया था। बता दें कि, अदाणी पॉवर महाराष्ट्र लिमिटेड, अदाणी पॉवर की सहयोगी कंपनी है, जो देश की सबसे बड़ी प्राइवेट बिजली उत्पादन कंपनियों में शामिल है। वहीं, MEGPTCL, अदाणी पॉवर और राजस्थान सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम है। बता दें कि, राजस्थान में भी कांग्रेस की ही सरकार है और कुछ दिन पहले ही 60 हज़ार करोड़ का निवेश करने का ऐलान किया है। जिसपर राजस्थान के सीएम और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने ख़ुशी प्रकट की थी। हालाँकि, गौर करने वाली बात ये है कि, एक तरफ तो राहुल गांधी और कांग्रेस पानी पी-पीकर अडानी को कोस रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस शासित राज्य उसी अडानी के साथ कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस का स्टैंड ही क्लियर नहीं है कि, वो अडानी पर सचमुच आर्थिक धोखाधड़ी के आरोप लगा रही है, या फिर ये केंद्र सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का सियासी हथियार मात्र है। 'वो दस्तावेज़ दिखाएं, जिसमे सावरकर ने माफ़ी मांगी हो..', राहुल गांधी को पोते रंजीत सावरकर का चैलेंज राजस्थान: अस्पताल छोड़कर सड़कों पर उतरी डॉक्टर्स की भीड़, क्यों हो रहा गहलोत सरकार का विरोध ? राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस, सांसदी जाने के बाद कांग्रेस नेता को एक और झटका