'प्रभु श्री राम के नारों में सीता को भी जोड़ें', भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने दी सलाह

भोपाल: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी और RSS पर हमला बोला है। बीजेपी की आलोचना करते हुए राहुल ने कहा कि हमारे जो RSS के मित्र हैं, उनको मैं बोलना चाहता हूं कि जय श्री राम अवश्य बोलें, किन्तु जय सिया राम और हे राम, तीनों का प्रयोग कीजिए तथा सीता जी का अपमान मत कीजिए। उन्होंने कहा कि सीता के बिना प्रभु श्री राम का नाम अधूरा है - वो एक ही हैं इसीलिए हम 'जय सियाराम' कहते हैं। प्रभु श्री राम सीता जी के लिए लड़े। हम जय सिया राम जपते हैं तथा महिलाओं को सीता का स्वरूप मान उनका आदर करते हैं। जय सिया राम...

राहुल गांधी ने बताया कि मध्य प्रदेश में एक पंडित मेरे पास आए तथा समझाया फिर उन्होंने मुझसे गहरा सवाल किया। उन्होंने कहा कि जो प्रभु श्री राम थे, वो तपस्वी थे। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी तपस्या में डाल दी। फिर उन्होंने कहा कि गांधीजी हे राम बोलते थे। उनका नारा था हे राम। हे राम का मतलब, राम एक जीने का तरीका हैं। वो सिर्फ एक व्यक्ति नहीं थे वो एक जिंदगी जीने का तरीका था- प्यार, भाईचारा , इज्जत, तपस्या। उन्होंने पूरी दुनिया को जीने का तरीका दिखाया तथा गांधी जी जब हे राम कहते थे तो उनका मतलब था जो भगवान राम हैं वो भावना हमारे दिल में है और उसी भावना को लेकर हमें जिंदगी जीनी है। ये है हे राम का मतलब जिस प्रकार से प्रभु श्री राम ने अपनी जिंदगी जी, जो उन्होंने तपस्या की, प्यार फैलाया, जो उन्होंने समाज के लिए काम किया वैसे ही अपनी जिंदगी जीना। फिर पंडित जी ने कहा दूसरा नारा- जय सिया राम। जय सीता जय राम। मतलब सीता और राम एक ही हैं। इसलिए नारा है- जय सियाराम या जय सीताराम।   

मतलब जो राम ने सीता के लिए किया, जाके सीता के लिए लड़े। जो सीता के लिए जगह होनी चाहिए उसका आदर करते हैं तथा तीसरा नारा है जय श्री राम - जिसमें हम राम भगवान की जय करते हैं। राहुल गांधी ने बताया कि पंडित ने मुझसे कहा कि आप अपनी स्पीच में पूछिए कि भाजपा के लोग जय श्री राम करते हैं लेकिन कभी जय सियाराम, हे राम नहीं कहते। मुझे ये बात बहुत अच्छी लगी। राहुल ने कहा कि भाजपा-RSS के लोग प्रभु श्री राम की भावना को नहीं अपनाते क्योंकि प्रभु श्री राम ने जो जिंदगी जी, किसी के साथ अन्याय नहीं किया। समाज को जोड़ने का काम किया, सबको इज्जत दी, सबकी मदद की और सबसे जरूरी नारा जय सियाराम तो कर ही नहीं कर सकते क्योंकि उनके संगठन में एक भी महिला नहीं है। तो वो तो राम का संगठन ही नहीं है क्योंकि उनके संगठन में सीता नहीं आ सकती। उन्हें तो बाहर कर दिया गया। इसके चलते राहुल ने कहा कि मैं RSS के मित्र हैं उनको में कहना चाहता हूं कि जय श्री राम अवश्य बोलें, मगर जय सियाराम और हे राम… तीनों का प्रयोग कीजिए तथा सीता जी का अपमान मत कीजिए। यात्रा में मैंने बहुत कुछ सीखा है। 

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